जिस मुख्यमंत्री ने शोषण से मुक्त कराया उन्हीं को गुमराह कर रहे ब्यूरोक्रेट्स

जयपुर

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने पर सरकार का अभी तक कोई एक्शन नहीं

सरकारी सेवा में समायोजित शिक्षाकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने को लेकर राजस्थान सरकार अभी तक कोई एक्शन नहीं ले पाई है। इस कारण इन समायोजित शिक्षाकर्मियों में एकबार फिर असंतोष के स्वर फूट रहे हैं। उनके समर्थन में कई शिक्षक संगठन भी कूद पड़े हैं। सीकर, चूरू, बीकानेर, भीलवाड़ा सहित कई जिलों के समायोजित शिक्षाकर्मी धरना, प्रदर्शन और अनशन कर रहे हैं और सरकार के मंत्रियों को ज्ञापन दे रहे हैं।

समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी दो साल की उपलब्धियों को तो गिना रहे हैं। पर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि तो यह है कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ही ठेंगा दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है कि जिन मुख्यमंत्री ने अनुदानित संस्थाओं की प्रबंध समितियों के शोषण से शिक्षाकर्मियों को मुक्त कराया उन्हीं मुख्यमंत्री को ब्यूरोक्रेट्स गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार समायोजित शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने के आदेश शीघ्र जारी करे।

समर्थन में उतरे कई शिक्षक संगठन
इस बीच सरकारी सेवा में समायोजित किए गए शिक्षाकर्मियों की मांग के समर्थन में कई शिक्षक संगठन मैदान में उतर आए हैं। राजस्थान शिक्षक संघ ( शेखावत ) के चूरू जिला इकाई के अध्यक्ष विजय पोटलिया और जिला मंत्री वेदपाल मलिक और शिक्षक संघ ( सियाराम ) के जिला मंत्री आनन्द कुमार डांगी ने अपने अलग – अलग बयानों में समायोजित शिक्षाकर्मियों की मांगों का समर्थन करते हुए राजस्थान सरकार से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए समायोजित शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान किया जाए। शिक्षक नेताओं ने चेतावनी दी कि समायोजित शिक्षाकर्मियों की मांगें नहीं मानी गई तो उनके संगठनों को भी सड़क पर उतरना पड़ेगा।

तकनीकी शिक्षा मंत्री को दिया ज्ञापन
इधर दो फरवरी को शिक्षक नेता डा. हुकम सिंह एवं भरतपुर जिलाध्यक्ष ओमपाल सिंह राजस्थान के तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षामंत्री डा. सुभाष गर्ग से मिले और उनसे समायोजित शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर चर्चा करते हुए इस बाबत शीघ्र आदेश जारी करवाने की मांग की।





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