सात साल से लापता थी पूर्व सीएम की बहन, भरतपुर में मिली

भरतपुर  | नई हवा संवाददाता ।


 

सात साल पहले बिछुड़ी एक बहन राजस्थान के भरतपुर स्थित ‘ अपना घर ‘ आश्रम बझेरा में मिल गई है। वह 2012 में मानसिक अवसाद की स्थिति में लापता हो गई थी। और भटकते – भटकते भरतपुर तक पहुंच गयी थी।


 

यह बिछुड़ी बहन कोई और नहीं बल्कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की बहन श्रीमती मैसूनी देवी है जो अपना घर ‘ आश्रम बझेरा में मिल गई है। मानसिक अवसाद की स्थिति में वह भटकते-भटकते भरतपुर पहुंच गई थी। जैसे ही मैसूरी देवी के भरतपुर में होने की जानकारी झारखंड में मरांडी परिवार को मिली तो वहां के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल मरांडी और बेटा सुलेमान 25 दिसम्बर को भरतपुर पहुंचे और वहां अपना घर आश्रम के प्रबंधकों ने मैसूनी देवी को उन्हें सुपुर्द कर दिया। इस दौरान मैसूरी देवी ने अपने बेटे और भाई को देखा तो सभी भावुक हो गए। भाई नूनूलाल ने बहन को मिलते ही प्रणाम किया।


मरांडी परिवार उम्मीद ही छोड़ चुका था

मरांडी परिवार बिछुड़ी बहन को लेकर उम्मीद ही छोड़ चुका था। वह मान चुका था कि मैसूनी देवी इस दुनिया में नहीं है। सात साल बाद बहन मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तुरंत बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल व बेटा सुलेमान रांची से  फ्लाइट से दिल्ली आए और वहां से टैक्सी में पुलिस के साथ अपना घर पहुंचे।


बाबूलाल मरांडी ने बीएम भारद्वाज से की बात

झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज से बात भी कराई  गई। अपनी बहन के मिलने पर ख़ुशी प्रकट करते हुए उन्होंने  भारद्वाज से कहा कि हम दिल्ली जब आएंगे अपना घर आश्रम की विजिट जरूर करेंगे और व्यवस्थाएं देखकर ऐसे लोगों के लिए झारखंड में क्या कर सकते हैं , इस पर भी बात करेंगे।


ऐसे मिली मैसूनी

अपना घर आश्रम के सचिव भूदेव शर्मा ने बताया कि मैसूनी सन् 2000 से ही मानसिक अवसाद में थीं। रांची में इलाज चल रहा था। इसी हालत में 2012 में परिवार से बिछुड़ गई और भटकते-भटकते भरतपुर के खोह डीग पहुंच गई थी। मई-2018 में उसे वहां से अपना घर आश्रम लाया गया जहां उसका इलाज चला। स्वस्थ होने पर उसने अपना पता बताया। उस पते पर सूचित किया तो जानकारी मिली कि वह पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की बहन है।