नई दिल्ली
नई दिल्ली में गुरुवार को लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राहुल गांधी की बैठने की तस्वीर काफी ज्यादा वायरल हो रही है। दरअसल उनको इस आयोजन में चौथी कतार में सीट मिली थी जिसे लेकर कांग्रेस ने गहरी आपत्ति जताई है। 10 साल में पहली बार विपक्ष का कोई नेता स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए लाल किले पर मौजूद था। ऐसे में उसे पीछे बिठाए जाने पर विवाद हो गया है। लेकिन इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए स्थिति साफ की है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन और इस तरह के आयोजन में बैठने की व्यवस्था का काम रक्षा मंत्रालय कराता है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी स्वतंत्रता दिवस के इस कार्यक्रम में सफेद कुर्ता पायजामा पहने बैठे राहुल गांधी की सीट पिछली पंक्ति में थी। राहुल के पीछे दो लाइनें और हैं, जिसमें कुछ अन्य मेहमान बैठे हैं। वे पिछली पंक्ति में बैठे थे ये कोई खास बात नहीं थी लेकिन चर्चा इस बात को लेकर होने लगी कि विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें पीछे की पंक्ति में क्यों बैठाया गया। लेकिन कांग्रेस ने इस पर गहरी आपत्ति जताई है। अब इस पूरे मामले पर रक्षा मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान आगे की पंक्तियों में ओलंपिक मेडल विजेता खिलाड़ियों के बैठने का इंतजाम किया गया था, जिस वजह से राहुल गांधी को पीछे की पंक्ति में बैठाया गया। अन्यथा प्रोटोकॉल के मुताबिक विपक्ष के नेता को आगे की पंक्ति में बैठाया जाता है।
इस दौरान राहुल गांधी के अगल-बगल में ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी बैठे थे। राहुल के ठीक आगे ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य ललित उपाध्याय बैठे थे। इसके अलावा यहां अग्रिम पंक्ति में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला बैठे थे। सूत्रों ने बताया है कि कुछ केंद्रीय मंत्रियों को भी इस बार पीछे बैठाना पड़ा है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा, “रक्षा मंत्रालय इतना खराब व्यवहार क्यों कर रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चौथी कतार में बैठाया गया है। नेता प्रतिपक्ष का पद किसी भी केंद्रीय मंत्री से बड़ा होता है। लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद आते हैं। राजनाथ सिंह जी आप रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय समारोह का राजनीतिकरण करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं। आपसे इसकी उम्मीद नहीं थी।”
10 साल बाद शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष
लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद 2014 से 2024 तक खाली रहा। ऐसा इसलिए था क्योंकि उस अवधि के दौरान किसी भी विपक्षी दल के पास इस पद को हासिल करने के लिए पर्याप्त सांसद नहीं थे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सीटों की संख्या 99 पहुंचने के बाद 25 जून, 2024 को राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था।
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