नई दिल्ली
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आखिर इक्यावन साल बाद शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे पांच पेज के इस्तीफे में कहा कि पार्टी को सनकी लोग चला रहे हैं। उन्होंने पार्टी की बर्बादी के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दिया है।
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, “बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। ” गुलाम नबी आजाद ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए।
राहुल गांधी ने तबाह कर दिया
गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे में लिखा- दुर्भाग्य से पार्टी में जब राहुल गांधी की एंट्री हुई और जनवरी 2013 में जब आपने उनको पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया, तब उन्होंने पार्टी के सलाहकार तंत्र को पूरी तरह से तबाह कर दिया। आजाद यहीं नहीं रुके, कहा- राहुल की एंट्री के बाद सभी सीनियर और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और गैरअनुभवी चापलूस लोगों का नया ग्रुप खड़ा हो गया और यही पार्टी को चलाने लगा।
लंबे वक्त से नाराज थे आजाद
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है।
गुलाम नबी आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी चाहती थीं कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में आजाद के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़े। इसलिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन गुलाम नबी ने पद मिलने के कुछ घंटों के बाद ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम कयास लगाए जा रहे थे।
अध्यक्ष का चुनाव टलने के बाद छोड़ी कांग्रेस
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा ऐसे वक्त पर दिया, जब कांग्रेस ने हाल ही में कुछ समय के लिए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव टाल दिया था। आजाद से पहले कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयवीर शेरगिल, जितिन प्रसाद, सुनील जाखड़, कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेता भी पार्टी छोड़ चुके हैं।
PM मोदी से नजदीकियां
आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2021 को पूरा हो गया था। उसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि किसी दूसरे राज्य से उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा। आजाद का कार्यकाल खत्म होने वाले दिन उन्हें विदाई देते हुए PM नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। 2021 में मोदी सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिया था। कांग्रेस के कई नेताओं को यह पंसद नहीं आया। नेताओं ने सुझाव दिया था कि आजाद को यह सम्मान नहीं लेना चाहिए।
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