ये औरतें भी लाजवाब होती हैं…

व्यक्तित्व 

 दिशा पंवार  


कभी चिड़ियों सी चहकती हैं,
कभी कलियों सी महकती हैं,
बगिया में खुशबू सी बिखर जाती हैं।
ये औरतें भी लाजवाब होती हैं।

कभी साड़ी में लिपट जाती हैं,
कभी चुनरी में सिमट जाती हैं,
बिखरे केशों की लट सुलझाती हैं।
ये औरतें भी…..।

कभी कहानी सी लिखती हैं,
कभी कविता सी बुनती हैं,
जीवन के मधुर गीत गुनगुनाती हैं।
ये औरतें भी लाजवाब होती हैं।

(लेखिका राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीही सैक्टर 7 फरीदाबाद, हरियाणा में  संस्कृत की प्रवक्ता हैं)

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