‘पत्नी की फटकार’

हास्य

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‘पत्नी की फटकार’

पत्नी की फटकार सुनी जब,
तुलसी भागे छोड़ मकान l
राम चरित मानस रच डाला,
जग में बन गए भक्त महान l

पत्नी छोड़ भगे थे जो जो,
वही बने विद्वान महान l
गौतम बुद्ध महावीर तीर्थंकर,
पत्नी छोड़ बने भगवान l

पत्नी छोड़ जो भागे मोदी
हुए आज हैं पंत प्रधान l
अडवाणी ना छोड़ सके तो,
देख अभी तक हैं परेशान l
नहीं किया शादी पप्पू ने,
नहीं सुनी पत्नी की तान l

इसीलिए फिरता है भटकता,
बन न सका नेता महान l

हम भी पत्नी छोड़ न पाए,
इसीलिए तो हैं परेशान l
पत्नी छोड़ बनो सन्यासी,
पाओ मोक्ष और निर्वाण l

हास्य कविता का केवल आनन्द लें, रिस्क केवल अपने दम पर लें…. क्योंकि,  लेखक स्वयं लापता है





 

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