पर हार नहीं मानेंगे हम…

डा. अलका अग्रवाल 

आंधी आए, तूफ़ान आए,
बिजली चमके, मेघा गरजे,
धारा बरसे, नदियां उफनें,
पर हार नहीं मानेंगे हम।

हर पल जीवन में ज्वार उठे,
ना हाथों की पतवार रुके,
जीवन नैया मंझधार फंसे,
पर हार नहीं मानेंगे हम ।

चहुँ ओर निराशा छाई हो,
घनघोर घटा घिर आई हो,
दिन में ही तम को लाई हो,
पर हार नहीं मानेंगे हम।

हो विपदा कितनी भी भारी,
है अपने मन की तैयारी,
हर कठिनाई पर हम भारी,
पर हार नहीं मानेंगे हम।

(लेखिका सेवानिवृत कालेज प्राचार्य हैं)