बैंकों से पहले होगा इसका निजीकरण, यह इंश्योरेंस कंपनी सबसे आगे

नई दिल्ली 

Insurance Privatisation को लेकर बड़ी खबर आ रही है। सरकार बैंकों से पहले बीमा कंपनी का निजीकरण कर सकती है। यह बीमा कंपनी कौन सी होगी इसे लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का मानना है  कि सरकार United India Insurance का  निजीकरण  कर सकती है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसका निजीकरण किया जा सकता है। सरकार ने जनरल इंश्योरेंस कंपनी में करीब 12500 करोड़ रुपए का कैपिटल इंफ्यूजन किया है।

जनरल इंश्योरेंस की हैं चार कंपनियां
आपको बता दें कि पब्लिक सेक्टर में  चार इंश्योरेंस कंपनियां  नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी हैं  इनमें से किसी एक का निजीकरण किया जाएगा हालांकि अभी  किसी कंपनी का चयन नहीं किया गया है लेकिन  यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस का नाम सबसे आगे है चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने विनिवेश और निजीकरण का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा है 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने 2 सरकारी बैंकों और 1 इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का ऐलान किया था

उल्लेखनीय है कि इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण / विनिवेश को लेकर सरकार ने दो कानून सदन में पास कराए हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के साथ ही सरकार ने दोनों अमेंडमेंट को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया हैमॉनसून सत्र में सरकार ने सदन में जनरल इंश्योरेंस बिजनेस नेशनलाइजेशन अमेंडमेंट बिल 2021 और डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) को पेश किया था इंश्योरेंस अमेंडमेंट कानून को लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ, हालांकि ध्वनि मत से इसे मंजूरी मिल गई

जनरल इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल सरकार को यह शक्ति देता है कि वह सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से घटाए DICGC अमेंडमेंट बिल के कारण अब बैंक में अकाउंट होल्डर्स का 5 लाख रुपए तक सुरक्षित है इसका मतलब यह है कि अगर किसी कारण बैंक डूब जाता है तो डिपॉजिटर्स को अधिकतम 5 लाख रुपए तक मिलेगा पहले इसकी लिमिट 1 लाख रुपए थीनए कानून के तहत डिपॉजिटर्स को गारंटीड इंश्योरेंस का फायदा 90 दिनों के भीतर मिलेगा

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