नई दिल्ली
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ऑटोनोमस कॉलेजों को एक बड़ी राहत देते हुए संविदा पर संकाय सदस्यों की भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। नये नियमों के अनुसार UGC ने ऑटोनोमस कॉलेजों में संविदा पर संकाय सदस्यों की भर्ती की 10 फीसदी की सीमा को हटा दिया है। यानी किसी भी ऑटोनोमस कॉलेज के लिए अब संविदा पर संकाय सदस्यों की भर्ती की अधिकतम 10 प्रतिशत सीमा का पालन करना अनिवार्य नहीं है।
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आपको बात दें कि इससे पहले, स्वायत्त कॉलेज संकाय सदस्यों के कुल पदों का अधिकतम 10 फीसदी ही संविदा कर्मियों की भर्ती कर सकते थे। संबद्ध और अंगीभूत कॉलेज अपने विश्वविद्यालय को माध्यम बनाए बगैर अब साल में किसी भी समय शैक्षिक और प्रशासनिक स्वायत्तता के लिए यूजीसी से सीधा संपर्क साध सकते हैं।
आयोग ने यूजीसी (कॉलेजों को स्वायत्त दर्जा देना और स्वायत्त कॉलेजों में मानक बनाए रखने संबंधी कदम) नियमन, 2023 के तहत नये नियमों को अधिसूचित किया है। इन दिशा-निर्देशों ने 2018 में जारी पुराने नियमों की जगह ली है और यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप है। संशोधित दिशा-निर्देशों के मसौदे को पिछले साल अक्टूबर में पहली बार सार्वजनिक मंच पर रखा गया था। साल 2018 के पुराने दिशा निर्देश के तहत स्वायत्त कॉलेजों में संकाय सदस्यों के लिए स्वीकृत कुल पदों का अधिकतम 10 प्रतिशत ही संविदा पर भरा जा सकता था।
नए नियमों के अनुसार, शुरुआत में 10 साल की अवधि के लिए स्वायत्त दर्जा दिया जाएगा, बशर्ते कॉलेज को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा न्यूनतम A’ ग्रेड और 3.01 और उससे अधिक के स्कोर के साथ मान्यता प्राप्त हो, या राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) द्वारा व्यक्तिगत रूप से 675 के न्यूनतम स्कोर के साथ कम से कम तीन कार्यक्रमों के लिए।
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