सरकार का बड़ा फैसला: अब संभाग व जिला मुख्यालयों सहित प्रदेशभर में Power Cut, जानिए कितनी होगी कटौती

जयपुर | नई हवा ब्यूरो 

बढ़ती गर्मी के बीच अब राजस्थान में  Power Crisis और गहरा गया है। इस पर सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला किया। सरकार ने कहा है कि वह मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। लिहाजा अब संभाग और जिला मुख्यालयों सहित पूरे प्रदेश में बिजली की कटौती होगी। अब आप भी इस कटौती को देखते हुए अपनी दिनचर्या बना लीजिए और साइज ही बिजली बचाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाइए।

सरकार के फैसले अनुसार संभाग मुख्यालयों पर एक घंटे और जिला मुख्यालयों पर दो घंटे बिजली कटौती रहेगी। नगर पालिका क्षेत्रों व 5 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों में तीन घंटे बिजली कटौती होगी। आपको बता दें कि गांवों में 5 से 6 घंटे बिजली कटौती पहली ही शुरू कर दी गई है।

बिजली संकट और कटौती को लेकर बुधवार को ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने अधिकारीयों के साथ दिनभर मंथन किया और आखिर में संभाग और जिला मुख्यालयों सहित पूरे प्रदेश में बिजली की कटौती शुरू करने का फैसला किया गया। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि बिजली की उपलब्धता और मांग में रोजाना 3 से 4 हजार मेगावाट का अंतर आ गया है। इसलिए इस अंतर को पाटने के लिए बिजली कटौती जरूरी हो गई है। संभाग मुख्यालयों पर एक घंटे बिजली कटौती होगी, वहीं जिला मुख्यालयों पर दो घंटे बिजली कटौती रहेगी। जबकि नगर पालिका क्षेत्रों व 5 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों में तीन घंटे बिजली कटौती होगी। यह कटौती जब तक बिजली की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक रहेगी। इस बीच मंत्री ने विधायकों के साथ जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत की। वहीं जनता से भी भी बिजली बचत को लेकर अपील की गई है।

बिजली संकट को लेकरअधिकारियों के साथ मीटिंग

बिजली की डिमांड 34 फीसदी बढ़ी
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले बिजली की डिमांड 34 फीसदी बढ़ गई है। कोयले की कमी के चलते मांग के अनुपात में बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है। डिस्कॉम को आवश्यकता के मुकाबले 10 फीसदी ही बिजली मिल पा रही है। भाटी का कहना है कि अचानक बिजली की मांग बढ़ी है, प्रतिदिन बिजली की उपलब्धता 10 हजार मेगावाट है, जबकि मांग 13 हजार से अधिक आ रही है। केन्द्र ने बिजली खरीद का अधिकतम मूल्य 12 रुपए प्रति यूनिट तय किया हुआ है, हम 12 रुपए में बिजली खरीद की कोशिश कर रहे हैं। रोजाना 3 से 4 हजार मेगावाट बिजली की और आवश्यकता है, लेकिन हमें 10 फीसदी ही बिजली मिल पा रही है।

कोयला की डिमांड 
ऊर्जा मंत्री ने स्वीकार किया है कि कोयला संकट भी है। कोयला के लिए भी केन्द्र सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं। वर्तमान में कोयले का संकट केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है। जिस प्रकार बिजली की कमी उत्पन्न हुई है, उससे देश के कई राज्य जूझ रहे हैं। महंगे दामों पर बिजली खरीदने के प्रयासों के बावजूद एक्सचेंज से बिजली नहीं मिल पा रही।

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