नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने गोपनीय सूचनाओं के लीक होने की आशंकाओं के बीच इस बार सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं और कोई भी सरकारी दस्तावेज WhatsApp या Telegram जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही गोपनीय मुद्दों से जुड़ी अहम बैठकों में स्मार्टफोन या स्मार्टवाच के उपयोग पर भी रोक लगा दी गई है। नए संशोधित दिशानिर्देश खुफिया एजेंसियों ने मौजूदा व्यवस्था की खामियों की समीक्षा के बाद तैयार किए हैं।
आपको बता दें कि ये दिशानिर्देश ऐसे समय में जारी किए गए हैं जबकि गोपनीय सूचनाओं के लीक होने से रोकने के लिए स्थापित राष्ट्रीय संचार दिशा निर्देशों और सरकारी निर्देशों के लगातार उल्लंघन के मामले सामने आ रहे थे। अब सभी सरकारी अधिकारियों से कहा गया है कि वे गोपनीय सूचनाओं को वाट्सएप, टेलीग्राम इत्यादि पर साझा नहीं करें। निर्देशों में आगाह किया गया है कि इन एप के सर्वर को विदेश में निजी कंपनियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ऐसे में गोपनीय सूचनाओं का भारत विरोधी तत्वों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है।
सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि घर से काम करने यानी वर्क फ्रॉम होम (WFH) के दौरान अधिकारी संवाद के लिए सिर्फ ई-आफिस एप्लीकेशन का ही उपयोग करें। Work From Home के दौरान घरेलू सेटअप के जरिये गोपनीय सूचनाएं भी साझा नहीं करें। केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं कि घर से काम करने के दौरान घरेलू सिस्टम नेशनल इनफार्मेटिक्स सेंटर (NIC) के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए आफिस के नेटवर्क से जुड़े होने चाहिए। मोबाइल पर गोपनीय सूचनाएं स्टोर नहीं करें। सूत्रों ने बताया कि सरकारी अधिकारियों को अपने मोबाइल फोन में भी वर्गीकृत या गोपनीय सूचनाएं स्टोर करने से मना किया गया है। इन सूचनाओं को मोबाइल एप के जरिए साझा करने से भी मना किया गया है, क्योंकि इन एप के सर्वर निजी कंपनियों के हाथों में होते हैं और इससे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
एलेक्सा, होमपाड के उपयोग पर भी रोक
अधिकारियों से गोपनीय या सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर होने वाली बैठकों में स्मार्टफोन या स्मार्टवाच का उपयोग नहीं करने को कहा गया है। इसके अलावा अमेजन के एलेक्सा, एपल के होमपाड इत्यादि जैसे उपकरणों का उपयोग करने से भी मना किया गया है।
गूगल मीट और जूम का इस्तेमाल करने की मनाही
वर्चुअल बैठकों के लिए गूगल मीट या जूम जैसे एप का भी उपयोग करने से मना किया गया है। इनके स्थान पर सी-डैक (डिपार्टमेंट आफ एडवांस कंप्यूटिंग), एनआइसी द्वारा स्थापति वीडियो कांफ्रेंसिंग के उपकरणों का अनिवार्य पासवर्ड के साथ उपयोग करने की सलाह दी गई है।
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