अजब-गजब
आज आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताते हैं जहां की लड़कियां बारह साल की उम्र आते-आते लड़का बन जाती हैं। चौंक गए न आप! लेकिन यह बिल्कुल सच है। इस गांव में कुछ बच्चे पैदा तो लड़की होते हैं, लेकिन किशोरवस्था में आते ही लड़के बन बन जाते हैं। वैज्ञानिक भी इससे हैरान हैं। हालत ये है कि गांव के किसी परिवार में लड़की का जन्म होता है तो इस वजह से वहां मातम सा पसर जाता है।
दुनिया के नक्शे पर एक ऐसा गांव (La Salinas Village) है, जहां एक उम्र के बाद लड़कियां, लड़का (Girls turns into Boys) बन जाती हैं। डोमिनिकन रिपब्लिक (Dominican Republic) देश में ला सेलिनास नामक (La Salinas Village) यह गांव है, जहां की लड़कियों का एक खास उम्र के बाद जेंडर चेंज (Gender Change) हो जाता है। इसके बाद यहां की लड़कियां, लड़का बन जाती हैं। यहां की लड़कियों का एक खास उम्र के बाद जेंडर चेंज (Gender Change) हो जाता है। इसके बाद यहां की लड़कियां, लड़का बन जाती हैं। इस कारण यहां के लोग गांव को श्रापित गांव (Cursed Village) मानते हैं। इस रहस्य का आज तक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं।
12 साल की उम्र में बन जाती हैं लड़का
ला सेलिनास गांव की कई लड़कियां 12 साल की उम्र में आते-आते लड़के में तब्दील होने लगती हैं। गांव की लड़कियों के लड़का बनने की ‘बीमारी’ की वजह से यहां के लोग बेहद परेशान रहते हैं। इस कारण गांव के कई लोगों का मानना है कि यहां किसी अदृश्य शक्ति का साया है। इसके अलावा कुछ बुजुर्ग लोग गांव को श्रापित मानते हैं। इस तरह के बच्चों को ‘ग्वेदोचे’ (Guevedoces) कहा जाता है।
जब गांव में किसी के घर लड़की का जन्म होता है तो उस परिवार में मातम पसर जाता है। क्योंकि उन्हें डर होता है कि उनकी बेटी बड़ी होने पर लड़का बन जाएगी। इस बीमारी के कारण गांव में लड़कियों की संख्या काफी कम होती जा रही है। इस रहस्यमयी बीमारी की वजह से आस-पास के गांव के लोग इस गांव को बुरी नजर से देखते हैं।
बचपन में इस बीमारी से पीडित 24 वर्षीय जॉनी ने बताया कि बचपन में उसका नाम फेलेशिटिया था क्योंकि उसके मां-बाप को पता ही नहीं चल पाया कि वह लड़का पैदा हुआ है या लड़की। उसे कुछ सालों तक लड़की की तरह ही पाला गया। अस्पताल की बजाए में घर में पैदा हुआ था, इसलिए माता-पिता पता नहीं लगा सके मैं लड़का हूं या लड़की।
गांव के जॉनी ने बताया कि जब मैं स्कूल जाता था तो स्कर्ट पहनकर जाता था, लेकिन मुझे लड़कियों की तरह तैयार होना अच्छा नहीं लगता था। मुझे जब खेलने के लिए लड़कियों के खिलौने दिए जाते थे तो मुझे अच्छा नहीं लगता था। मुझे लड़कों के साथ खेलना अच्छा लगता था।
जॉनी ने बताया कि जब मैं पूरी तरह से लड़का बना तो मुझे अपनी जिंदगी बहुत अच्छी लगने लगी। ऎसा ही एक किस्सा कार्ला नाम के लड़के के साथ भी हुआ। वह भी अब पूरी तरह से लड़का बन गया है। यह मामला पहली बार 1970 मे सामने आया था जब वैज्ञानिक कॉर्नेल ने इस गांव का दौरा किया था।
अनुवांशिक है यह बीमारी
समुद्र किनारे बसे इस गांव की आबादी 6 हजार के करीब है। अपने अनोखे आश्चर्य की वजह से यह गांव दुनियाभर के शोधकर्ताओं के लिए रिसर्च का विषय बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर्स कहते हैं कि ये बीमारी ‘आनुवंशिक विकार’ है। स्थानीय भाषा में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों को ‘सूडोहर्माफ्रडाइट’ कहा जाता है। जिन भी लड़कियों को यह बीमारी होती है, एक उम्र में आने के बाद उनके शरीर में पुरूषों जैसे अंग बनने लगते हैं। उनकी आवाज भारी होने लगती और शरीर में वो बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे उन्हें लड़की से लड़का बना देते हैं। गांव का 90 में से एक बच्चा इस रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक, ऎसा तब होता है गर्भावस्था के दौरान आनुवंशिक विकार के कारण बच्चे को जरूरी एंजायम नहीं मिल पाते हैं। इसकी वजह से डिहायड्रो टेस्टोस्टेरोन नामक पुरूष सेक्स होर्मोन ठीक से बन नहीं पाते हैं। इस बीमारी के कारण 12 साल के बाद ही यह लिंग पूर्ण रूप ले पाता है।
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