8वें वेतन आयोग में संशोधन, ओपीएस बहाली, 50% डीए मर्जर, 20% अंतरिम राहत सहित कई मांगों पर केंद्रीय कर्मचारी परिसंघ ने देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है।
नई दिल्ली
केंद्रीय कर्मचारी संगठन ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ ने 8वें वेतन आयोग की शर्तों में संशोधन, पुरानी पेंशन (OPS) की बहाली और अन्य लंबित मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन शुरू करने की घोषणा कर दी है। कॉन्फेडरेशन के महासचिव एसबी यादव के अनुसार देशभर के पदाधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है और आंदोलन की तैयारी के लिए गहन देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
15 दिसंबर तक राज्य दौरे, 16 दिसंबर को कार्यस्थलों पर विरोध प्रदर्शन
राष्ट्रीय सचिवालय के सदस्य तय कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न राज्यों का दौरा करेंगे और कर्मचारियों को आंदोलन के लिए तैयार करेंगे। यह पूरा अभियान 15 दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद 16 दिसंबर को सभी सरकारी कार्यालयों में लंच ब्रेक के दौरान विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
8वें वेतन आयोग की Terms of Reference में बदलाव की मांग
कॉन्फेडरेशन ने सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि 8वें वेतन आयोग की विचारणीय शर्तों (TOR) में कर्मचारी पक्ष NC-JCM द्वारा दिए गए सुझाव शामिल किए जाएं। मुख्य मांगें—
- 50% DA/DR को मूल वेतन/पेंशन में मर्ज किया जाए।
- 1 जनवरी 2026 से 20% अंतरिम राहत (IR) दी जाए।
- NPS/UPS समाप्त कर सभी कर्मचारियों के लिए OPS बहाल की जाए।
- पेंशनभोगियों के लिए भेदभावपूर्ण प्रावधान हटाए जाएं।
कॉन्फेडरेशन का कहना है कि वित्त मंत्रालय की 3 नवंबर 2025 की अधिसूचना में 8वें वेतन आयोग के TOR जारी किए गए हैं, जिनमें पेंशन संशोधन को आयोग के दायरे से बाहर रखा गया है — इसे कर्मचारियों के हित के खिलाफ बताया गया है।
कोविड काल में रोकी गई DA की 18 माह की किस्तें देने की मांग
कर्मचारी संगठनों ने यह भी जोर दिया कि कोविड अवधि में रोकी गई DA/DR की तीन किस्तें तुरंत जारी की जाएं। साथ ही कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 11 वर्ष करने की मांग रखी गई है।
अनुकंपा नियुक्ति और आउटसोर्सिंग पर रोक की मांग
कॉन्फेडरेशन ने कहा है कि—
- अनुकंपा नियुक्ति पर लगी 5% सीमा समाप्त की जाए।
- खाली पड़े सभी पदों पर तुरंत भर्ती की जाए।
- सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग और निगमीकरण बंद किया जाए।
संघों पर कार्रवाई को ‘दमनकारी’ बताया
कॉन्फेडरेशन ने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारी संघों की मान्यता रद्द कर रही है और नियम 15(1)(c) का दुरुपयोग करके पदाधिकारियों का प्रताड़न कर रही है। हाल में केरल COC के मुख्य सचिव का निलंबन और AIGDSU के मुख्य सचिव को नौकरी से हटाना इसके उदाहरण बताए गए।
31 दिसंबर तक राज्य सम्मेलन, फिर आगे की रणनीति
- 31 दिसंबर 2025 तक सभी राज्य सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
- राष्ट्रीय सचिवालय सदस्य इन सम्मेलनों में हिस्सा लेंगे।
- इन चरणों की समीक्षा के बाद आगे की आंदोलन योजना तय की जाएगी।
चार श्रम संहिताओं का भी विरोध
सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को चार श्रम संहिताओं की अधिसूचना जारी करने के बाद ट्रेड यूनियनों में नाराजगी बढ़ी है। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। कॉन्फेडरेशन ने इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है।
एकजुटता की अपील
कॉन्फेडरेशन ने अपने सभी संबद्ध संघों और पदाधिकारियों से कहा है कि वे एकजुट होकर अभियान चलाएं, कर्मचारियों को शिक्षित करें और संघर्ष के लिए तैयार करें।
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