जलवायु और आपदा की कहानियां सही तरीके से बताना जरूरी | जयपुर वेबिनार में विशेषज्ञों ने दी सटीक व संवेदनशील रिपोर्टिंग की सलाह

जयपुर 

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हाल की विनाशकारी आपदाओं के बीच विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन और आपदाओं पर जिम्मेदार एवं साक्ष्य-आधारित कहानी कहने की महत्ता पर जोर दिया। ‘जलवायु और आपदा की कहानियाँ सही तरीके से बताना’ विषय पर आयोजित दूसरे सतत विकास वेबिनार में वक्ताओं ने कहा कि प्रभावी कहानी कहना न केवल जन-समझ को आकार देता है बल्कि जलवायु परिवर्तन और आपदाओं के प्रति समाज की प्रतिक्रिया को भी दिशा प्रदान करता है।

विशेषज्ञों ने कहा कि रिपोर्टिंग सटीक, साक्ष्य-आधारित और मानवीय गरिमा का सम्मान करने वाली होनी चाहिए। उनका मानना था कि कहानीकारों की भूमिका लोगों को झकझोरने से अधिक जागरूक करने और सनसनी फैलाने से अधिक संवेदनशील बनाने की है। वेबिनार में इस बात पर भी चर्चा हुई कि व्यक्तिगत विवरण और डेटा-आधारित आख्यान दर्शकों को जोड़ने और जलवायु परिवर्तन व आपदाओं के प्रभाव को समझाने में बेहद असरदार साबित हो सकते हैं।

वेबिनार का आयोजन ‘वॉयसेज़ ऑफ भारत : युवा फॉर सस्टेनेबिलिटी’ द्वारा किया गया, जिसमें लोक संवाद संस्थान कार्यान्वयन भागीदार था।
इस मौके पर वक्ताओं के पैनल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार प्रोफेसर गोविंद सिंह, हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कंचन के. मलिक, गूंज की सह-संस्थापक मीनाक्षी गुप्ता, सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन के प्रोफेसर रमेश मेनन और यूनिसेफ इंडिया के आपदा जोखिम कटौती विशेषज्ञ सर्बजीत साहोटा शामिल थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ कनोडिया पीजी महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सीमा अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुआ। वहीं विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने अपने विशेष संदेश में कहा कि ‘हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब पहाड़ हमें केवल निस्तब्धता से नहीं, बल्कि भूस्खलन, बाढ़ और आपदाओं के रूप में भी संदेश देते हैं।’

वॉयसेज़ ऑफ भारत: युवा फॉर सस्टेनेबिलिटी के राजीव टिकू ने बताया कि पहल का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना है ताकि वे जलवायु परिवर्तन और स्थिरता से जुड़ी प्रभावशाली कहानियाँ कह सकें। इसके अंतर्गत युवाओं को इंटर्नशिप, कार्यशालाएँ और पुरस्कार दिए जाते हैं।
पॉडकास्टर नैना गौतम ने जानकारी दी कि इस वेबिनार के मुख्य अंश जल्द ही आकाशवाणी (All India Radio) पर प्रसारित होंगे और चयनित प्रश्न भी प्रसारण का हिस्सा होंगे।

नई हवा की खबरें अपने मोबाइल पर नियमित और डायरेक्ट प्राप्त करने  के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें। आप अपनी खबर या रचना भी इस नंबर पर भेज सकते हैं।

कार बाजार पर संकट के बादल | GST कट की आस में ग्राहकों ने रोकी खरीद, डीलर्स को भारी नुकसान का डर

Loan News: पहली बार लोन लेने वालों के लिए खुला बड़ा राज़ | अब सिर्फ CIBIL स्कोर से नहीं रुकेगा आपका सपना

नई हवा’ की  खबरें  नियमित  और अपने मोबाइल पर डायरेक्ट प्राप्त करने  के लिए  व्हाट्सएप नंबर  9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें