जी हाँ, दर्पण देखिए, आइने में निहारिये, मिरर में झांकिए। इंसपैक्शन, निरीक्षण या आडिट दर्पण दिखाने का ही कार्य करता है। वार्षिक सम्मेलन, संगोष्ठी कार्यशाला,
Tag: Dr. Satyadev Azad
अभिनव आदर्श…
यथार्थ की छैनी
सपनों को काटती है,
त्रय शतक…
तुमको खोला
श्रृंगार शतक सा
सपने अलबेले होते हैं…
आता यथार्थ फन फैलाए ,जीवन का भार न सह पाए
आखिर कैसे गाते…
सम्बन्धों के मधुर गीत, आखिर कैसे गाते
थे धर्मराज…
थे धर्मराज, खेला करते जुआ