त्रय शतक…

हाइकू

डॉ. सत्यदेव आज़ाद


तुमको खोला
श्रृंगार शतक सा
मन्त्र मन्त्र जी

भर्तृहरी के
नीति शतक बन
श्लोक श्लोक में

तुमको साधा
वैराग्य शतक सा
क्यों कर त्यागा

तुमने ढोया
त्रय शतकों को ही
मैंने तो भोगा

(2313, अर्जुनपुरा, डीग गेट, मथुरा (उत्तर प्रदेश)। लेखक आकाशवाणी के सेवानिवृत्त वरिष्ठ उद्घोषक और नारी चेतना और बालबोध मासिक  पत्रिका ‘वामांगी’ के प्रधान संपादक हैं)

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