देहरादून
आखिर देवभूमि उत्तराखंड का ताज कभी RSS के प्रांत प्रचारक रहे तीरथ सिंह रावत के माथे पर पहना दिया गया। इसके साथ ही उत्तराखंड की सियासी अटकलें बिना किसी हंगामे के समाप्त हो गईं। तीरथ सिंह रावत 9 फरवरी, 2013 से 31 दिसंबर, 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। वे चौबटखल विधानसभा से 2012 से 2017 तक विधायक भी रहे। वर्तमान में वे पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं। 10 मार्च को देहरादून में हुई पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था। उनके नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही रखा। इसके बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पद एवं गोपनीयती की शपथ दिलाई। रावत उत्तराखंड के 10वें मुख्यमंत्री बने।
अचानक नाम सामने आया तो चोंक गए
RSS के प्रांत प्रचारक रहे तीरथ सिंह रावत का नाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में कहीं भी चर्चा में दूर-दूर तक नहीं था। केंद्रीय मंत्री निशंक, सांसद अजय भट्ट, त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व राज्य मंत्री धन सिंह रावत मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शुमार किए जा रहे थे। पर आज विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत का नाम सामने आने पर सभी चोंक गए। तीरथ 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक रहे हैं। इसके अलावा वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने समाजशास्त्र में MA और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वे हेमवती नंदन गढ़वाल यूनिवर्सिटी में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे थे। वे उत्तरप्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। तीरथ सिंह रावत 9 फरवरी 2013 से 31 दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के चीफ रहे हैं। इससे पहले चौबटखल विधानसभा से 2012 से 2017 तक विधायक रहे।
हरियाणा में भी खट्टर का नाम सामने लाकर चोंकाया था
उल्लेखनीय है कि इससे पहले हरियाणा में भी भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर का नाम सामने लाकर चोंकाया था। खट्टर भी संघ के प्रचारक रहे हैं। शपथ ग्रहण के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में देहरादून आए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल आदि शामिल थे।
मैं गांव से आया हुआ छोटा सा कार्यकर्ता: तीरथ
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। मैंने इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। मैं जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। अब तक मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के लिए जो काम किए हैं, उसे हम आगे बढ़ाएंगे। केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है।उन्होंने कहा कि वह संघ के लिए काम करते थे। कभी भी राजनीति में आने का नहीं सोचा था। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरणा लेकर वे आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि वे त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ लंबे वक्त तक काम करते रहे हैं, पहले संघ में बतौर प्रचारक भी काम किया और उसके बाद पार्टी और सरकार के स्तर पर साथ में काम किया है। अभी भी वे उनके मार्गदर्शन में आगे काम करते रहेंगे।
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