उदयपुर
शुक्रवार को उदयपुर के हिरणमगरी थाना क्षेत्र का प्रभात नगर तब खामोश हो गया जब एक ही घर से चार लाशें एक साथ निकलीं। मासूम बच्चों की खिलौनों से सजी चारपाई अब लाशों से भरी थी… और पास ही पंखे से झूलता मिला बेजान पिता। यह नज़ारा किसी फिल्म का दृश्य नहीं, बल्कि रियल लाइफ का संहार था।
मृतक दिलीप, जो एक छोटा दुकानदार था, ने पहले अपने दो मासूम बच्चों को ज़हर पिलाकर मारा, फिर पत्नी अलका का केबल वायर से गला घोंट दिया, और आखिर में खुद पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। जब दोपहर तक कमरे से कोई आहट नहीं आई, तो मकान मालिक को शक हुआ। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और जो देखा, उससे पूरा इलाका सन्न रह गया।
चारों शव खून और अफसोस में लिपटे हुए थे। बच्चों की आंखें अब भी खुली थीं… शायद आख़िरी बार पापा को देख रहे थे।
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें दिलीप ने लिखा —
“कोरोना ने सबकुछ छीन लिया… अब जीने की कोई वजह नहीं बची।”
जानकारी के अनुसार, दिलीप प्रभात नगर में किराए के मकान में रहता था और पास में आचार व जनरल स्टोर की दुकान चलाता था। महामारी के बाद से उसकी आर्थिक हालत बद से बदतर होती गई, जिससे वो मानसिक रूप से टूट गया। यह टूटन अब एक पूरे परिवार की मौत का कारण बन गई।
पुलिस और एफएसएल टीम ने मौके की जांच की है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। अब सुसाइड नोट की फॉरेंसिक पुष्टि और परिजनों की पूछताछ के बाद ही घटनाक्रम की अंतिम सच्चाई सामने आ सकेगी।
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