हैदराबाद
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ 15 और 16 मार्च, 2021 को देशभर की बैंकों में 2 दिनों की हड़ताल का आह्वान किया गया है। इसका निर्णय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन UFBU की 9 फरवरी को हैदराबाद में हुई बैठक में किया गया। बैठक में कहा गया कि निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसी कड़ी में 15 और 16 मार्च को बैंकों में दो दिन की हड़ताल कर बैंककर्मी पूरे देश में प्रदर्शन करेंगे। बैठक में मांग की गई कि केन्द्र सरकार अपनी ऐसी घोषणाओं को वापस ले।
19 फरवरी को राज्यों की राजधानियों में धरना
बैठक में आंदोलन के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। तय किया कि हड़ताल से पहले 19 फरवरी, 2021 को सभी राज्यों की राजधानियों में दिन भर का धरना दिया जाएगा। इसके बाद 20 फरवरी से 10 मार्च तक सभी राज्यों के जिलों और कस्बों में रैलियां निकाल कर धरना दिया जाएगा। फिर भी सरकार ने नहीं सुना तो 15 मार्च और 16 मार्च, 2021 को 2 दिन की हड़ताल की जाएगी।
बैंकों का निजीकरण दुर्भाग्यपूर्ण
यूनियन के कन्वीनर संजीव के.बांदलिश ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करना समय की जरूरत है। उन्होंने यूनियन के सभी साथियों से केन्द्र की ऐसी नीतियों का डटकर विरोध करने का आह्वान किया। बैठक में सरकार से श्रमिकों के छीने गए सभी अधिकारों को बहाल करने का आग्रह भी किया गया।
किसान आंदोलन का समर्थन
बैठक में किसान आंदोलन के प्रति समर्थन व्यक्त किया गया। बैठक में सरकार से आग्रह किया गया कि किसानों की मांगों पर विचार करे और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजा जाए। बैठक में उन सभी नेताओं और व्यक्तित्वों, कोरोना पीड़ितों और आंदोलन में मृत किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।
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