गहलोत सरकार पर चोट पर चोट, अब पायलट खेमे के विश्वेंद्र सिंह ने ठोकी ताल, फोन टैपिंग की CBI जांच की मांग के भाजपा सांसद के ट्वीट को किया रीट्वीट

भरतपुर 

पहले रमेश मीना, फिर मुरारी मीना, इसके बाद हेमाराम चौधरी और बृजेंद्र सिंह ओला और अब पूर्व मंत्री और कुम्हेर-डीग के विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ ताल ठोक दी है। इन विधायकों की गहलोत सरकार पर आहिस्ता- आहिस्ता चोट पर चोट पड़ रही हैं। अब ताजा विवाद फोन टैपिंग मामले का है। इस मामले में भाजपा सांसद दीया कुमारी ने  सीबीआई जांच की मांग का ट्वीट किया था। इस पर सीबीआई जांच की भाजपा की मांग का सचिन पायलट खेमे के विधायक और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बिना बयान दिए समर्थन कर दिया। विश्वेंद्र सिंह ने दीया कुमारी के सीबीआई जांच की मांग वाले ट्वीट को रीट्वीट करके अपने इरादे बता दिए हैं। भाजपा ने संसद से लेकर विधानसभा तक फोन टैपिंग की सीबीआई जांच की मांग की है। हालांकि फोन टैपिंग प्रकरण में अब तक विश्वेंद्र सिंह ने कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन भाजपा सांसद के बयान का समर्थन करके सियासी हलकों में चर्चाएं जरूर छेड़ दी हैं। पिछले साल जुलाई में ​जब विधायक खरीद फरोख्त प्रकरण में फोन पर बातचीत के ऑडियो लीक हुए थे। उनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह के नाम भी आए थे। विश्वेंद्र सिंह अब तक इस मामले में चुप्पी साधे हुए थे। हालांकि, रीट्वीट के कुछ घंटों बाद विश्वेंद्र सिंह ने इसे डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक उसके स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके हैं।

दीया कुमारी ने लिखा- फोन टैपिंग की सीबीआई जांच हो
दीया कुमारी ने ट्वीट किया- प्रदेश में विधायकों, केंद्रीय मंत्री और अन्य राजनीतिक स्वार्थों के कारण फोन टैपिंग प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। यह संविधान प्रदत अधिकारों का हनन और लोकतंत्र की हत्या है। विश्वेंद्र सिंह ने इसे ही रीट्वीट किया है।

हेमाराम और बृजेंद्र ओला का समर्थन
विश्वेंद्र सिंह ने हेमाराम चौधरी और बृजेंद्र सिंह ओला के बयानों का भी सोशल मीडिया पर समर्थन किया है। हेमाराम चौधरी और बृजेंद्र ओला ने सड़कों की मंजूरी में उनके साथ भेदभाव बरतने और आवाज दबाने के आरोप लगाए थे। विश्वेंद्र सिंह ने इस संबंध में लिखा है- ‘रोचक विचार! ​निर्वाचन क्षेत्र सबसे पहले है, निर्वाचक को कभी दिक्कत नहीं होनी चाहिए, उसे नहीं भुगतना चाहिए’।
जो गैर मर्जी से दो तो विरासतें भी ठुकरा दूं
विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया  एक और पोस्ट करके निशाना साधा और  लिखा- ‘इज्ज्त से दो तो अनाज का एक दाना भी स्वीकार है,जो गैर मर्जी से दो तो विरासतें भी ठुकरा दूं’। इस बयान को सरकार में भागीदार और उनके इलाके में विकास के कामों की मंजूरी में भेदभाव से ही जोड़कर देखा जा रहा है





 

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