हाईकोर्ट का फैसला: रीट लेवल-1 में बीएड अभ्यर्थी अयोग्य, अब 9 लाख अभ्यर्थी होंगे इससे बाहर, रीट लेवल-1 में BSTC वाले ही योग्य

जोधपुर

बीएसटीसी-बीएड विवाद मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट ने रीट लेवल-1 में बीएड अभ्यर्थी को अयोग्य माना है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद रीट लेवल-1 से 9 लाख बीएड अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं। हाईकोर्ट ने रीट लेवल-1 में BSTC वालों को ही योग्य माना है।

BSTC अभ्यार्थियों को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बीएड अभ्यार्थियों को REET लेवल 1 में सम्मलित करने से कोर्ट ने इंकार कर दिया। इस आदेश के बाद करीब 4 लाख BSTC के और 9 लाख बीएड अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। कोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों के रिजल्ट निरस्त करने के आदेश दे दिए हैं।

बुधवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान सभी पक्षकारों ने अपना पक्ष रखा था। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट ने तीन दिन रोजाना ढाई से तीन घंटे तक सुनवाई की। इस मामले में राजेन्द्र चोटिया व अन्य लोगों ने याचिका लगाई थी। याचिका में BSTC अभ्यर्थियों ने लेवल-1 से बीएड धारकों को बाहर करने और BSTC अभ्यर्थियों को शामिल करने की मांग की थी।

कोर्ट में NCTE के नोटिफिकेशन को भी चुनौती दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी और न्यायाधीश सुदेश बंसल की खंड पीठ में मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। कोर्ट ने NCTE का नोटिफिकेशन भी रद्द कर दिया है।

रीट लेवल -1 में बीएसटीसी के साथ बीएड डिग्री धारक को भी योग्य माने जाने पर कॉम्पिटिशन बढ़ गया था। ऐसे में बीएसटीसी के इस लेवल के योग्य अभ्यर्थी वंचित रह रहे थे। इस फैसले के बाद बीएसटीसी के उन अभ्यर्थियों को फायदा होगा जो इसमें योग्य है। कॉम्पिटिशन कम होने से बीएसटीसी के अभ्यर्थियों की भर्ती होगी।

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