धौलपुर
धौलपुर के पूर्व विधायक एवं वक्फ विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सगीर खान ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। सगीर ने PCC अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भेजे इस्तीफे में इसकी वजह निजी बताई है, लेकिन सूत्र उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगा रहे हैं।
इधर भाजपा से निष्कासित धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह के कांग्रेस में जाने की चर्चाएं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि धौलपुर की राजनीति में शोभारानी कुशवाह के धुर विरोधी अब्दुल सगीर कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद भाजपा में शामिल होंगे।
साल 2008 में सगीर पहली बार धौलपुर से भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे। पहले ही चुनाव में उन्होंने सारे पूर्वानुमानों को धता बताते हुए जीत हासिल की थी। धौलपुर निवासी सगीर इससे पूर्व मुंबई में वकालत कर रहे थे। अचानक लौट कर धौलपुर आने और फिर चुनाव में जीत हासिल कर उन्होंने राजनीतिक दिग्गजों को चौंका दिया था। इससे पहले सगीर 1977 में जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे। 1982 में वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य तथा पार्षद भी रहे।
वसुंधरा राजे के खास
सगीर को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का खास माना जाता रहा है। साल 2008 में सगीर पहली बार धौलपुर से भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी। सगीर इससे पूर्व मुंबई में वकालत कर रहे थे। इससे पहले सगीर 1977 में जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे। 1982 में वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य तथा पार्षद भी रहे। 2013 के चुनाव में वसुंधरा ने सगीर को भाजपा से प्रत्याशी बनाया। हालांकि, इस बार बसपा और कांग्रेस के बाद सगीर तीसरे स्थान पर रहे।
हारने के बावजूद राजे ने सगीर को वक्फ विकास परिषद का अध्यक्ष बना कर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। 2017 के उपचुनाव और 2018 के चुनाव में सगीर का टिकट कट गया था। इसके बाद 13 अप्रेल 2019 को सगीर ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
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