भरतपुर
भरतपुर नगर निगम (Bharatpur Municipal Corporation) ने कोर्ट के स्टे को ठेंगा दिखाया — और अब न्यायपालिका ने वही किया जो जनता चाहती थी। शहर के कुम्हेर गेट निवासी पूरन सिंह का मकान नगर निगम ने 2017 में सीएफसीडी कार्य के दौरान अतिक्रमण बताकर तोड़ डाला, जबकि उस पर कोर्ट का स्टे ऑर्डर लागू था। अब इस मनमानी का जवाब कोर्ट ने सरकारी गाड़ियों की कुर्की से दिया है।
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश के आदेश पर कोर्ट के सेल अमीन विकास कुमार ने नगर निगम आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई और दो अन्य अधिकारियों की सरकारी गाड़ियों को कुर्क कर लिया। आदेश के मुताबिक, इन वाहनों को अब न चलाया जा सकता है, न खुर्द-बुर्द किया जा सकता है, और न ही किसी अन्य काम में लिया जा सकता है।
कुर्क की गई गाड़ियां:
RJ 05 UA 9625
RJ 05 CB 1868
RJ 05 US 6066
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पूरे मामले की शुरुआत पूरन सिंह के मकान से हुई थी, जिसे नगर निगम ने तोड़ दिया था। इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में अपील की। मई 2022 में अदालत ने स्पष्ट आदेश दिए कि या तो मकान यथावत बनाएं या फिर हर्जाना अदा करें। लेकिन हर्जाना देने की बजाय निगम ने चुप्पी साध ली — और अब नतीजा भुगत रहे हैं अफसर।
नगर निगम आयुक्त विश्नोई ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की हुई है, लेकिन अभी तक कोई स्टे नहीं मिला है। तब तक तीन गाड़ियां कोर्ट की कस्टडी में हैं।
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