नई हवा ब्यूरो | नई दिल्ली
देश के अलग-अलग राज्यों में चाइनीज एप्स पावर बैंक ने लाखों भारतीयों को अरबों रुपयों का चूना लगा दिया। इस चाइनीज एप के जरिए ठग अरबों रुपया भारत से बाहर ले गए। विभिन्न राज्यों की पुलिस के अनुसार इस घोटाले के तार चीन और हांगकांग के शहरों तक फैले हैं। ताजा मामले में दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही इस चाइनीज एप के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें पैसे डबल करने का झांसा देकर 5 लाख भारतीयों से करीब 150 करोड़ रुपए की ठगी का पता चला है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग स्कैम में दो सीए, एक तिब्बती महिला सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। देशभर में 20 चार्टेड एकाउंटेंट भी STF के रडार पर हैं।
देश भर से एकत्रित आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 239 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। सबसे ज्यादा 178 मुकदमे सिर्फ तेलंगाना राज्य पुलिस ने दर्ज किए हैं। इसके अलावा 8 उत्तराखंड, 19 पश्चिम बंगाल, 13 उत्तर प्रदेश, 5 हरियाणा, 4 तमिलनाडु, 3 कनार्टक, 2 छत्तीसगढ़, 2 महाराष्ट्र, 2 ओडिशा, 1 बिहार, 1 चंडीगढ़, और एक मुकदमा दिल्ल्ली में दर्ज किया गया है। इन सभी मुकदमों में अब तक गिरफ्तार किए गए ठगों की संख्या 25 हो चुकी है। उत्तराखंड में धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ धनराशि को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं। विदेशी नागरिकों/कम्पनियों के जुड़े होने के साक्ष्य भी पुलिस टीमों को मिले हैं। इसलिए CBI, IB, ED व सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक व राजस्व खुफिया निदेशालय आदि समन्वय कर मामले की तहकीकात करने में लगे हैं।
मल्टी लेवल मार्केटिंग कैंपेन के जरिए घोटाला
पुलिस को पता चला है कि मल्टी लेवल मार्केटिंग कैंपेन के जरिए इसे घोटाले को अंजाम दिया गया है। लोगों की ना सिर्फ गाढ़ी कमाई लूट ली गई, बल्कि उनका डेटा भी चोरी हो चुका है। दिल्ली पुलिस के अनुसार केवल 2 महीनों में 150 करोड़ रुपए की ठगी की गई है।
अधिक लोगों को उत्साहित करने के लिए शुरुआत में लोगों को कुछ रिटर्न दिया जाता था। इसके बाद लोग योजनाओं पर विश्वास करने लगते थे और लोग अधिक से अधिक निवेश करने लगते थे। लोग अपने परिचितों और दोस्तों को भी ऐप्स से जोड़ देते थे। एक बार जैसे ही कोई बड़ी रकम निवेश करता था, उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता था।
इन ऐप्स के जरिए निवेशकों को 24-35 दिन के भीतर रकम को डबल करने का लालच दिया जाता था। कुछ घंटे और दिन में भी अच्छे रिटर्न देने का वादा किया जाता था। न्यूनतम 300 रुपए से लेकर लाखों रुपए तक निवेश का विकल्प दिया गया था। इनमें से एक ऐप पावर बैंक हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर नंबर 4 पर रैंक कर रहा था।
ऐसे चला रहे गोरखधंधा
इसके मास्टरमाइंड विदेशों में ही मौजूद हैं जो भारत के लोगों को लालच देकर अपना काला कारोबार चला रहे हैं। साइबर अपराधियों द्वारा पावर बैंक नामक ऐप के माध्यम से मोटी रकम इन्वेस्ट करने पर 15 दिन में दोगुनी रकम दिए जाने का लालच दिया जाता था। इसके लिए ठग आम जनता से धनराशि बटोरने के माध्यमों में ई-वालेट (पेटीएम/रोजर पे ) का खुलकर इस्तेमाल करते थे। इन्हीं माध्यमों के जरिए ठगों की फर्जी कंपनियों के खातों में अरबों रुपए जमा होने की बात पुलिस को पता चली। इनमें से सैकड़ों की तादाद में बैंक खातों को देश के कई राज्यों की पुलिस बंद भी करवा चुकी है।
ब्लैक-लिस्टेड CA के कारनामों को खंगाल रही पुलिस
इस बीच पता चला है कि देशभर में कुछ CA भी पुलिस के राडार पर आ गए हैं। इन सीए ने चाइनीज घोटालेबाजों के लिए बड़ी तादाद में कंपनियां बनाई थीं। दिल्ली पुलिस के अनुसार गुड़गांव के एक सीए के पास से 97 लाख रुपए बरामद हुए हैं। इस सीए ने चाइनीज घोटालेबाजों के लिए 110 से अधिक कंपनियां बनाई थीं। उत्तराखंड STF के रडार पर अब 20 चार्टेड एकाउंटेंट हैं। राज्य एसटीएफ ने ऐसे चार्टेड एकाउंटेंटों के कारनामे खंगालना शुरू कर दिया है। इन ब्लैक-लिस्टेड CA की सूची राज्य पुलिस महानिदेशालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के Indian Cyber Crime coordination Centre को भेज दी है।
2020 में कोरोना संकट के दौरान कुछ चीनी लोगों द्वारा पावर बैंक ऐप के माध्यम से ठगी का कारोबार करने की खबरें सामने आई थीं। इसमें दिल्ली/गुरुग्राम/नोएडा निवासी 20 चार्टेड अकाउंटेंट के द्वारा चीनी नागरिकों के सम्पर्क में आकर फर्जी शेल कंपनियां खोलकर इस गोरखधंधे में उनके भी शामिल होने की बात सामने आई थी।
24 से ज्यादा SHELL कंपनियां उत्तराखंड STF के निशाने पर
इस बीच उत्तराखंड राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स STF को अरबों रुपए के चाइनीज एप पावर बैंक घोटाले के मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। वह घोटाले में 24 से ज्यादा SHELL (फर्जी कंपनी) कंपनियों को निशाने पर ले चुकी है। इन सभी कंपनियों के अधिकांश बैंक खाते भी फ्रीज किए जा चुके हैं।
क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजी राशि
उत्तराखंड पुलिस एसटीएफ एसपी अजय सिंह बताते हैं, ‘देहरादून के साइबर थाने द्वारा तकनीकी रूप से यह जानकारी भी प्राप्त की गई जिसमें कि धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ धनराशि को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं।’ राज्य पुलिस का मानना है कि पावर बैंक ऐप घोटाले का पर्दाफाश, ऑनलाइन घोटाला वॉलेट और वित्तीय इकाई सुधारों के दृष्टिकोण से बेहद अहम हो सकता है क्योंकि इसके तार सिर्फ देश में नहीं वरन्, यह जाल विदेशों में भी खासकर हांगकांग व चीन के कई शहरों तक में फैला है। इसके मास्टरमाइंड विदेशों में ही मौजूद हैं।
ऐसे खुला राज
दिल्ली डीसीपी अनयेश रॉय के अनुसार, लोग सोशल मीडिया पर पावर बैंक और ईजेड प्लान जैसे ऐप्स के जरिए हुई ठगी के बारे में लिख रहे थे। पुलिस ने इन पोस्ट्स का संज्ञान लेकर जांच शुरू की तो घोटाले से परतें उठती गईं। उन्होंने बताया कि पावर बैंक ऐप ने खुद को बेंगलुरु आधारित टेक्नॉलजी स्टार्टअप बताया था। हालांकि, इसका सर्वर चीन में मौजूद था। ये ऐप्स यूजर्स के कैमरा, कॉन्टैक्ट डिटेल्स और स्टोरेज का एक्सेस भी हासिल कर लेते थे और इस तरह यूजर के डेटा में सेंध लगाते थे।
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