कांग्रेस में फिर आया भूचाल, जी-23 के नेता बोले – पार्टी हो रही है कमजोर

योगेन्द्र गुप्ता  

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शांति सम्मेलन में कांग्रेस आलाकमान को बड़ा संदेश दे गए दिग्गज, गांधी परिवार का न किसी ने नाम लिया और न ही किसी पोस्टर पर था उनका नाम, भगवा साफा पहन जम्मू में जुटा G-23


जम्मू। कांग्रेस के जी-23 के नेता यानी पार्टी के वो वरिष्ठ नेता जिन्होंने एक संयुक्त चिट्ठी के जरिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने की मांग की थी, 27 फरवरी को जम्मू में एक शांति सम्मेलन में जमा हुए। कहने को यह जम्मू-कश्मीर में शांति की बहाली के मकसद को लेकर था। पर नेताओं की मन की पीड़ा झलक गई। इन नेताओं ने पार्टी आलाकमान के किसी नेता का तो नाम नहीं लिया पर मुखर होकर खूब बोले। और कहा कि कांग्रेस निरन्तर कमजोर हो रही है। भगवा पगड़ी पहने (वो भी जम्मू-कश्मीर में) इन नेताओं ने साफ़ संकेत दिया कि कांग्रेस में भूचाल आ चुका है और इसे रोक सको तो रोक लो। खास बात ये थी कि कार्यक्रम में गांधी परिवार का न किसी ने नाम लिया और न ही किसी पोस्टर पर उनका नाम था। हर तरफ आजाद के ही पोस्टर थे। एक दुसरे पोस्टर में पोस्टर में इन बड़े नेताओं को भी जगह दी गई। कार्यक्रम के मंच पर गांधी ग्लोबल लिखा था।

हाईकमान को कठघरे में खड़े कर चुके कांग्रेस के बड़े बागी नेताओं में से सात नेता जम्मू में जुटे और अपनी ताकत का हाईकमान को अहसास भी कराया। जम्मू में कांग्रेस नेताओं ने गांधी ग्लोबल फैमिली कार्यक्रम का आयोजन किया , जिसका नाम ‘शांति सम्मेलन’ रखा गया। इस सम्मेलन में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा,राज बब्बर समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता पहुंचे। इस शांति सम्मेलन में राज्यसभा के कार्यकाल से सेवामुक्त होने के बाद पहली बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद पहुंचे थे। गुलाम नबी आजाद यह कहने से नहीं चूके कि राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं राजनीति से नहीं। वहीं राज बब्बर ने साफ कर दिया कि यह जी-23 नहीं, गांधी की असली कांग्रेस है।

राज बब्बर ने अपनी पीड़ा थोड़ा संतुलित तरीके से रखी और कहा लोग कहते हैं जी-23, पर मेरा मानना है कि यह गांधी-23 है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। पर कपिल सिब्बल अपने आपको रोक नहीं सके और मुखर तरीके से अपनी बात रखी। वे बोले सच ये है कि हम अपने सामने कांग्रेस पार्टी को कमजोर होते देख रहे हैं। यही वजह है कि आज हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमारा उद्देश्य एक साथ होकर पार्टी को मजबूत करना है।

आजाद को दोबारा राज्यसभा न भेजे जाने पर उठाया सवाल 
कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस द्वारा फिर से राज्यसभा में नहीं भेजने पर सवाल उठाया और कहा कि आजाद को उस इंजीनियर के रूप में जाना जाता है जो कि विमान उड़ाने के साथ ही खराबी का पता लगाने और उसकी मरम्मत करने में साथ देता है। सिब्बल ने कहा कि आजाद ऐसे नेता हैं जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की जमीनी हकीकत जानते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि कांग्रेस उनके अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही।  कपिल सिब्बल ने परोक्ष रूप से गांधी परिवार की समझ को ही आड़े हाथों लिया। कपिल सिब्बल ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद कभी संसद से मुक्त हों। उनके पास अनुभव है और पता नहीं क्यों कांग्रेस इनके अनुभव को समझ नहीं पा रही है? 

आनंद शर्मा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कपिल सिब्बल के विचारों के प्रति हामी भरी और कहा कि हम नहीं चाहते थे गुलाम नबी आज़ाद को पार्लियामेंट से मुक्त किया जाए। ऐसा इसलिए कि गुलाम नबी आजाद के पास अनुभव है।

हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के स्थायी अध्यक्ष और संगठन की बात करने वाले कपिल सिब्बल के उद्बोधन से लगा कि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। शायद तभी उनकी यह पीड़ा झलक गई। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस को हर जिले में मजबूत करना चाहते थे। हम नहीं चाहते कि सशक्त विपक्ष की गैर मौजूदगी में देश कमजोर पड़े। इसके लिए हम कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार भी हैं। कपिल सिब्बल ने कहा, ‘सच बोलने का मौका है और आज सच ही बोलेंगे। हम क्यों यहां इकट्ठा हुए हैं। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। पहले भी इकट्ठा हुए थे। हमें इकट्ठा होकर इसे मजबूत करना है।यह दिग्गज अपने भाषणों  से एक नया मोर्चा खोलने का संकेत दे रहे थे।

कांग्रेस में दो तरह के लोग
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं, एक कांग्रेस पार्टी में हैं दूसरों के भीतर कांग्रेस है। गुलाम नबी आजाद भी उन लोगों में से हैं जिनके भीतर कांग्रेस है। हम लोग आज इसलिए इकट्ठा हैं कि कांग्रेस को मजबूत करें। अगर कांग्रेस मजबूत होगी, देश मजबूत होगा।

हम बनाएंगे कांग्रेस को
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना था कि पिछले एक दशक से कांग्रेस कमजोर हुई है। आज हम सभी नेता यहां पर इसलिए इकट्ठा हुए हैं ताकि कांग्रेस को फिर से मजबूत किया जाए। आनंद शर्मा ने कहा, ‘हममें से कोई ऊपर से नहीं आया। खिड़की रोशनदान से नहीं आया। दरवाजे से आए हैं। चलकर आए हैं। छात्र आंदोलन से आए हैं। युवक आंदोलन से आए हैं। यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि मेरे जीवन में कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं हैं। यह हक किसी का नहीं है। हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है। हम बनाएंगे कांग्रेस को। आनंद शर्मा ने कहा, ‘पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है। दो भाई अलग-अलग मत रखते हों, तो इसका मतलब यह नहीं है कि घर टूट जाएगा। या भाई, भाई का दुश्मन हो जाता है, ऐसा तो नहीं हो जाता है। अगर कोई अपना मत न व्यक्त करे कि उसका कोई क्या मतलब न निकाल ले, फिर वह घर मजबूत नहीं रहता है।

हमारी पहचान खत्म हो गई 
आजाद ने जी23 के लिए तो कुछ नहीं बोला परंतु केंद्र सरकार की गलत नीतियों और उसके खिलाफ कांग्रेस द्वारा उठाई गई आवाज को अवश्य उजागर किया। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार को भी आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा कि सरकार जो गांधी के नाम पर बोलती है वह करती नहीं गांधीजी सच के रास्ते पर चलते थे, लेकिन यह सरकार झूठ के रास्ते चल रही है गांधीजी अहिंसा के रास्ते पर चलते थे और ये हिंसा के रास्ते पर चल रहे हैं

राहुल गांधी के ‘उत्तर-दक्षिण भारत’ वाली टिप्पणी पर आजाद ने दिया बिना नाम लिए बड़ा बयान 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘उत्तर-दक्षिण भारत’ वाली टिप्पणी पर गुलाम नबी आजाद ने बिना नाम लिए बड़ा बयान दिया  और कहा कि हम हर क्षेत्र, जाति और धर्म का सम्मान करते हैं उन्होंने कहा कि हम सभी का समान रूप से सम्मान करते हैं, यही हमारी ताकत है और हम इसे जारी रखेंगेहालांकि आजाद ने अपने बयान पर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को जिक्र किया थालेकिन राजनीतिक प्रेक्षक इसे राहुल के बयान से जोड़कर देख रहे हैं

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