हाई कोर्ट ने दी केंद्र सरकार को warning, निवेशकों के मामले में सख्ती

नई दिल्ली 

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अपनी करीब 14 हजार करोड़ की जमा पूंजी फंसा बैठे देश के करीब 21 लाख निवेशकों के लिए 28 जनवरी के दिन एक थोड़ी राहत भरी खबर आई जब न्यायालय ने थोड़ा सख़्ती दिखाई और भारत सरकार को जरिए उसके अधिवक्ता चेतावनी भरा नोटिस जारी किया और कहा कि वह निवेशकों के इस प्रकरण में सात दिन में जवाब प्रस्तुत करे। वहीं लिक्वीडेटर द्वारा भी इस मामले में कोई लीगल एक्शन लिए जाने की जानकारी मिली है।
मामला आदर्श क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड ACCSL का है। इसमें करीब 21लाख निवेशकों की करीब 14 हजार करोड़ की जमा राशि फंसी हुई है। इसे लेकर गुजरात उच्च न्यायालय और राजस्थान उच्च न्यायालय में निवेशकों ने याचिकाएं दायर कर रखी हैं। 28 जनवरी को इन दोनों ही न्यायालयों में सुनवाई हुई। गुजरात न्यायालय ने प्रकरण में थोड़ा सख्ती दिखाई। आदर्श मेम्बर ऑफ एसोसिएशन अहमदाबाद गुजरात के अध्यक्ष नीरव सोनी ने बताया कि सुनवाई के दौरान माननीय न्यायाधीश ने भारत सरकार के अधिवक्ता को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भारत सरकार सात दिवस में यानी 3 फरवरी तक जवाब प्रस्तुत करे। यदि तय समय में जवाब प्रस्तुत नहीं किया तो न्यायालय अपनी तरफ से कोई सख़्त आदेश जारी कर सकता है। 

राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी जारी किए नोटिस
इस बीच राजस्थान उच्च न्यायालय में भी 28 जनवरी को 156 निवेशकों की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई। इसमें उसने संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर दिए गए। वहीं न्यायालय ने करीब ढाई हजार निवेशकों की ओर से पेश याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया। इस पर सुनवाई की तारीख 10 फरवरी की तय की गई है। 

लिक्वीडेटर भी एक्शन में
28 जनवरी को ही लिक्वीडेटर के भी एक्शन में आने की जानकारी मिली है। जयपुर निवासी एससी मित्तल को लिक्वीडेटर की हैल्पलाइन पर बताया गया कि लिक्वीडेटर ने कोई लीगल एक्शन लिया है। मित्तल के अनुसार अभी यह पता नहीं चल सका है कि यह एक्शन क्या लिया गया है। बताया जा रहा है कि फरवरी के अंत तक यह जानकारी बाहर आ पाएगी। लेकिन माना जा रहा है कि इस प्रकरण में केन्द्र की चार -चार एजेंसियां जांच कर रही हैं। इसलिए उनको कहा गया है कि वे आदर्श के सीज किए गए खातों और सम्पत्तियों को शीघ्र फ्री करे जिससे निवेशकों को हजारों करोड़ की राशि के भुगतान का रास्ता साफ हो सके।





 

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