श्रद्धांजलि
ओम थानवी
चिपको आन्दोलन के प्रणेता सुन्दर लाल बहुगुणा के निधन का समाचार ‘नई हवा’ में प्रकाशन के बाद राजस्थान में पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति और वरिष्ठ पत्रकार व लेखक ओम थानवी ने whats app ग्रुप ‘DECO’ (DESERT ENVIRONMENT) पर सुन्दरलाल बहुगुणा को अपने शब्दों में कुछ इस तरह श्रद्धांजलि दी। इसका अविकल रूप से ‘नई हवा’ में प्रकाशन किया जा रहा है।
सुंदरलाल बहुगुणा सुंदर शख़्सियत थे। छरहरे बदन, रजत दाढ़ी, मृदुभाषा या उनकी पहचान बने सफ़ेद पटके भर के कारण नहीं, पर्यावरण के प्रति ईमानदार सरोकार, गांधीवादी जीवन-शैली, यायावर मन और लेखन के प्रति सतत लगाव के कारण।
चिपको आंदोलन से उनका संसार में नाम हुआ। चण्डीप्रसाद भट्ट ने भी उस आंदोलन को जिया। लोगों ने दोनों के बीच दीवार खींचनी चाही। जबकि दोनों का काम बड़ा था। पूरक था।
बहुगुणाजी में भी ग्रामसुलभ विनय बहुत थी। एक दफ़ा जोधपुर आए। खेजड़ली गए। अमृतादेवी और पेड़ों के लिए लड़ने वाली अन्य स्त्रियों की दास्तान सुनी। निस्संकोच बोले — हमारा नाम लिया जाता है; पर असल चिपको आंदोलन तो यहाँ (खेजड़ली) से शुरू होता है। उनका बड़प्पन था।
वे स्वाधीनता सेनानी थे। पत्रकार भी थे। हिंदुस्तान के बरसों स्ट्रिंगर रहे। अस्सी के दशक में जब मैं इतवारी पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह का एक राजनीतिक-सांस्कृतिक साप्ताहिक) का काम देखता था, उन्होंने हमारे लिए अनेक लेख लिखे। बाद में जनसत्ता के लिए भी। मुझे उनकी बड़े-बड़े अक्षरों वाली पर्वत-रेखा सी ग़ैर-समतल लिखावट बख़ूबी याद है।
एक बार जयपुर में हमारे घर भोजन पर आए हुए थे। मैं अपनी यज़दी मोटरसाइकल पर बाद में स्टेशन छोड़ने गया। उनका टिकट पक्का नहीं हुआ था। रात का वक़्त था। वे फ़िक्रमंद हुए। किसी तरह दिल्ली जा पहुँचें। एक मित्र मिले। बोले टीटी से बात करते हैं, कुछ ले-दे कर शायद बात बन जाए। बहुगुणाजी ने बात वहीं रोक दी — इस तरह बिलकुल नहीं। वे साधारण डिब्बे में चढ़ने को तैयार थे। पर टीटी को उनका परिचय मात्र देने से बात बन गई; एक ख़ाली शायिका मिल गई थी। हमें सिद्धांत के लिए अड़ने की सीख मिली।
वे 94 की वय में गए हैं। कोरोना काल में शतायु ही समझिए। उनके जीवन और काम को स्मरण करने का वक़्त है। विदा कहने का नहीं।
ये भी पढ़ें
- 10 साल बाद चुनाव आयोग की सबसे बड़ी सौगात | BLO, सुपरवाइजर, ERO-AERO सभी के मानदेय में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
- थाने में ही ‘डील’ का खेल | ACB ने कांस्टेबल को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा, 50 हजार मांग रहा था
- स्कूल के 150 बच्चों ने सीखा फूलों का विज्ञान | उदयपुर कृषि विश्वविद्यालय में कौशल भ्रमण, विशेषज्ञों ने बताए प्रकृति संवारने के आधुनिक तरीके
- राम नाम से गूंजा राजापार्क: अयोध्या ध्वजारोहण के उत्सव पर जयपुर के प्राचीन राम मंदिर में भी लहराया विजय-ध्वज
- अवैधानिक ACR फॉर्मेट पर अभियोजन अधिकारियों में नाराज़गी | जयपुर में आपात बैठक, सुझाव भी मांगे, VC से जुड़ने की सुविधा भी
- पाथेय कण संस्थान में मासिक संवाद कार्यक्रम | ‘पुस्तक परिचर्चा’ पर संपादक द्वय करेंगे विशेष चर्चा
- ज्ञान, कर्तव्य और राष्ट्रधर्म का महामंच | जयपुर में पहली बार वित्त प्रोफेशनल RSS के साथ करेंगे वैचारिक संवाद
- राजस्थान में बीजेपी ने बदली पूरी पिच | नई प्रदेश कार्यकारिणी में 9 उपाध्यक्ष, 4 महामंत्री,7 मंत्री सहित 34 पदाधिकारियों का ऐलान, यहां देखें पूरी लिस्ट
- ‘बुज़ुर्गों के नाम खुशियों का सलाम’ | भुसावर में ‘मुस्कान एक पहल’ ने 23 श्रवण-सेवी दंपतियों का किया सम्मान
- U-TURN या पर्दे के पीछे कोई प्रेशर? | OPS पर सरकार ने अचानक पलटी चाल, रातों-रात नए आदेश जारी—कर्मचारियों ने ली राहत की लंबी सांस
