हर असहाय की हर पीड़ा को हर लेगा यह प्रभु प्रकल्प, ‘अपना घर’ बना रहा है दुनिया का विशाल सेवा सदन, 406 करोड़ की आएगी लागत, आठ हजार होगी आवासीय क्षमता, सौ बैड का होगा अपना हास्पीटल

योगेन्द्र गुप्ता 

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भरतपुर ‘कोई भी आश्रयहीन, असहाय और बीमार सेवा-संसाधन एवं अपनों के अभाव में तड़पता हुआ दम न तोड़े कुछ ऐसी ही भावना को भरतपुर का ‘अपना घर’ संस्थान साकार करने में  लगा है। अपनी इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए संस्थान ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। संस्थान अब 8000 आवासीय क्षमता का दुनिया का विशालतम प्रभु प्रकल्प बनाने जा रहा है। यह पीड़ित इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि गौमाता, अन्य पशु, वन्य जीव एवं पक्षियों के लिए भी काम करेगा। इसके भूमि पूजन की तिथि भी तय कर दी गई है। भूमि पूजन 11अप्रेल, 2021, रविवार को प्रातः 10.11 बजे होगा।

प्रभु-प्रकल्प में आने के बाद लगेगा कि अपना ही घर है 
यह अपना घर संख्या, विशिष्टता एवं सेवा की दृष्टि से अपनी श्रेणी का दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान होगा, जिसमें 54 श्रेणियों की माता-बहिनों के अलावा सभी घायल बीमार गौमाता, पशु पक्षी एवं वन्य जीव भी सेवा एवं उपचार प्राप्त करेंगे। इन सभी के लिए ऐसी व्यवस्था एवं मापदण्ड रखे गए हैं जिससे किसी को भी वहां आने के बाद किसी प्रकार की तकलीफ न हो। उन्हें लगेगा कि यह अपना ही घर है। इन असहायों को प्रभुजन नाम दिया गया है। इसमें 7 प्रकार की किचिन इन ‘प्रभुजनों’ की जरूरत के अनुरूप प्रसादी हेतु होगी। आवास के साथ-साथ आवश्यक सभी मूलभूत सुविधाएं विशेष प्रकार की होंगी। जीव सेवा सदन के अन्तर्गत गौमाता, अन्य पशु, वन्य जीव एवं पक्षियों के लिए अलग-अलग आवास होंगे। उनमें भी दुर्घटनाग्रस्त, कुपोषित, बीमार, पोस्टऑपरेटिव के लिए अलग-अलग आवासीय व्यवस्था होगी। जीवों के लिए भी पशु-चिकित्सालय तथा लैब की व्यवस्था होगी।

हर असहाय की हर पीड़ा को देखते हुए हर तरह की व्यवस्थाएं  
खास बात ये है कि इस संस्थान के सेवा कार्यों में जुटे स्वयंसेवक एवं सेवासाची लोगों ने हर असहाय की हर पीड़ा को देखते हुए हर तरह की व्यवस्थाएं करने की योजना इस प्रभु सेवा सदन के तहत बनाई हैं। इसका अंदाज इसी से लगा सकते हैं कि बच्चों के लिए निचले से लेकर उच्च स्तर की शिक्षा दिलाने तक की व्यवस्था इसमें की जा रही है। दादी-नानी, मन्द-बुद्धि माता-बहिनों की बीमारियों के हिसाब से अलग-अलग सदन होंगे। देश के हर भाषा-भाषी असहाय लोगों की संस्कृति के लोग भी यहां घुल-मिल सकें और उनको घर जैसा माहौल मिल सके, इसे देखते हुए उनके क्षेत्र और भाषा के हिसाब से भी अलग-अलग सदन इसमें होंगे। उसी के हिसाब से भोजन की व्यवस्था होगी। रोजगार के लिए उद्योग लगाने का भी ध्यान रखा गया है। उनके लिए मॉल भी होगा। बीमारों के लिए इलाज के साथ-साथ आपरेशन की भी व्यवस्था होगी। इसके लिए सौ बैड की क्षमा का हास्पिटल भी बनाया जा रहा है।  यहां तक कि ‘अपना घर’ ने इस प्रभु प्रकल्प में सभी तरह के जीवों तक का ध्यान रखा है। उनके लिए जीव सेवा सदन बनाया जा रहा है। उनका इलाज भी होगा।

इस प्रकार होंगे माता-बहिनों के 54 प्रकार के आवास 
दादी-नानी के लिए बीमारी के आधार पर 7 श्रेणी के सदन होंगे।
Cardiac, Respiratory, Diabetic, Dementia, Pain, Disability & General Home

मन्द-बुद्धि माता-बहिनों के लिए बीमारी के आधार पर 4 सदन बनाए जा रहे हैं।
ये Mild, Moderate, Severe and Critical Home श्रेणी के सदन होंगे।

मनोरोगी माता बहिनों के लिए बीमारी के आधार पर 4 श्रेणी के सदन होंगे।
इनमें Mild, Moderate, Severe and Critical Home की श्रेणी होगी।

स्वभाव के अनुसार 4 श्रेणी के सदन होंगे।
उस के अनुसार बदलती जरूरत को दृष्टिगत रखते हुए 4 श्रेणी के सदन होंगे। ये श्रेणी 10 to 30 Years, 30 to 45 Years, 45 to 60 Years & above 60 Years Home की होंगी।

क्षेत्र, भाषा एवं भोजन के आधार पर 4 श्रेणी के सदन होंगे।
East, West, North & South Indian Home

बच्चों के लिए उम्र के आधार पर 5 श्रेणी के सदन होंगे।
0 to 1.5 Years, 1.5 to 4 Years, 4 to 11 years, 11 to 18 years, 18 years and above Home

एपीलेप्सी से पीड़ित प्रभु जी के 3 श्रेणी के सदन होंगे
Mild, Moderate and Severe Home

टी.बी. से पीड़ित प्रभुजी के 3 श्रेणी के सदन होंगे।
General, MDR & Malnourished Home

एच. आई,वी, से पीड़ित प्रभुजी के 3 श्रेणी के सदन होंगे
General, Secondary Infection & Malnourished Home 

अन्य बीमारी से पीड़ित प्रभुजी के 14 श्रेणी के सदन होंगे
Blind, Handicapped, Obesity, Malnourished, Thyrocare, Ortho, Injured, Skin, Hepatitis, Pregnant Mothers, Working Mothers, Mothers Home, Dada-Dadi & Post operative Home

इस विशाल सेवा सदन में ये भी होंगी खास व्यवस्थाएं 

  • स्वयंसेवक एवं सेवासाची आवास
  • ट्रेनिंग एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्र
  • कार्यालय एवं भण्डार-गृह
  • सेवा-संगम, नेचुरोपैथी एवं योग-सेन्टर
  • हॉस्पीटल 100 बैड एवं फिजियोथैरपी सेन्टर
  • प्रभुजन शॉपिंग सेन्टर – स्थाई एवं मोबाइल यूनिट
  • वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम एवं GWR 
  • प्ले -ग्राउण्ड एवं शॉपिंग मॉल बाल गोपालों के लिए
  • बाल गोपालों हेतु अवसर उच्च शिक्षा किसी भी स्तर तक
  • मॉल निर्माण 25 शॉप, क्षेत्रफल 250-300 वर्गफुट प्रत्येक
  • उद्योग लगाना लागत 25 करोड़ अनुमानित
  • जाब सेवा सदन विस्तार, जमीन 25 बीघा (10 एकड़)
  • जीव सेवा सदन सभी जीवों के लिए: लागत 15 करोड़




तीन चरणों में होगा काम 
61 एकड़ में बनने वाले इस प्रभु सेवा सेवा सदन का काम तीन चरणों में सितम्बर, 2027 तक पूरा होगा। पहला फेज 1अक्टूबर, 2020 से शुरू हो चुका है जो 30 सितम्बर, 2022 तक पूरा होगा। इसके तुरंत बाद दूसरा फेज 1अक्टूबर, 2022 से शुरू होकर 30 सितम्बर, 2024 तक चलेगा। तृतीय फेज 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू होकर 30 सितम्बर, 2027 तक पूरा होगा।

फैक्ट फाइल 

निर्माण अवधि: 7 वर्ष, 30 सितम्बर, 2027

प्रथम फेज:  01 अक्टूबर, 2020 से शुरू, 30 सितम्बर, 2022 तक पूरा होना है 

द्वितीय फेज: 01 अक्टूबर, 2022 से 30 सितम्बर, 2024

तृतीय फेज: 01 अक्टूबर, 2024 से 30 सितम्बर, 2027

कुल क्षेत्रफल: 151 बीघा  (61 एकड़)

कुल लागत
406 करोड़
प्रथम चरण: 65 करोड़
द्वितीय चरण: 104 करोड़
तृतीय चरण: 227 करोड़