गणतन्त्र है…

गणतंत्र दिवस 

पूजा कुलश्रेष्ठ


लोकतन्त्र यह स्वतन्त्र है,
इंकलाब मूलमन्त्र है।
माटी के हर कण-कण तक,
इस धरा से उस गगन तक,
गर्व का पर्व जीवन्त है,
गणतन्त्र है, गणतन्त्र है।

सपनों की परवाज नई,
अपनों की आवाज नई।
अब वक्त है अभिमान का
बलिदान के सम्मान का।
जयकारा निर्विवाद है,
श्री राम का संवाद है।
विफल शत्रु का षड्यन्त्र है,
गणतन्त्र है, गणतन्त्र है।

बेटी देश की सयानी,
तरक्की की है निशानी।
छोटी सोच का परहेज,
कहे ज्ञान ही दहेज।
बंदिश का न संघर्ष है,
सब सहर्ष ही सहर्ष है।
नया हौसला ज्वलन्त है,
गणतन्त्र है गणतन्त्र है।

शूरवीरों की कथायें,
गरिमा देश की बढ़ायें।
निश्चित जीत का दृढ लक्ष्य
भारत प्रमाण है प्रत्यक्ष
किरदार यह दमदार है,
सम्मान का हकदार है
आतंकियों का अन्त है
गणतन्त्र है, गणतन्त्र हैं।

सेक्टर-122, नोएडा (उत्तर प्रदेश)


गणतंत्र: तब और अब

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