बाल कविता
डॉ. अंजीव अंजुम
नई लीक पर
नई सीख पर
नए सृजन की
राह सजाएं।
आओ भारत नया बनाएं।
नई प्रथा चढ़
नई कथा गढ़
नव उजास के
सूर्य उगाएँ।
आओ भारत नया बनाएं।
नेक पंथ पर
दृढ़ प्राण कर
लघु पग, दीर्घ
राह अपनाएं।
आओ भारत नया बनाएँ।
धन निर्धन सब
जीवन में अब
हाथ पकड़कर
बढ़ते जाएं।
आओ भारत नया बनाएं।
(लेखक प्रधानाध्यापक एवं राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी जयपुर की पत्रिका ब्रजशतदल के सहसंपादक हैं )
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