कविता

डॉ. अलका अग्रवाल, सेवानिवृत कॉलेज प्राचार्य
अभी तक तो मैंने
आदमखोर शेर का
नाम ही सुना था।
लेकिन अब तो
देख लिया ऐसे लोगों को
जो जानवर जैसे ही
नज़र आते हैं।
क्योंकि सांप से डसना सीख लिया और
जहर उगलना भी।
क्रूरता में तो उसके सामने
भेड़िए भी शरमाते हैं।
और चालाकी में उसने
लोमड़ी के कान काटे हैं।
बगुला भगत बनने की तो
बस होड़ ही लगी है।
कुर्सी के लिए हर जगह
जोड़ – तोड़ ही लगी है।
रंग बदलने में गिरगिट से
होड़ लगाते हैं।
मुझे तो अब आदमी भी
खूंखार जानवर ही नजर आते हैं।
——————–
नई हवा की खबरें अपने मोबाइल पर नियमित और डायरेक्ट प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें। आप अपनी खबर या रचना भी इस नंबर पर भेज सकते हैं।
UP News: कहर बनकर टूटा बरगद का पेड़ | बस में बैठे 5 शिक्षक समेत 6 की मौत, 17 घायल
सरकार का बड़ा फैसला: CGHS मरीजों और अस्पतालों को अब इस परेशानी से मिला छुटकारा
घर में गुस्से की चिंगारी, चारे ने बना दी चिता | सास-बहू दोनों राख
राजस्थान में बदल जाएगा अब इस जिले का नाम | ये होगा नया नाम
35 जरूरी दवाएं हुईं सस्ती, दिल-डायबिटीज-इंफेक्शन के मरीजों को बड़ी राहत | देखें लिस्ट
बैंकों में हर शनिवार को छुट्टी? | सरकार ने संसद में खोले 5 डे वर्किंग प्लान के पत्ते, जानिए क्या
नई हवा’ की खबरें नियमित और अपने मोबाइल पर डायरेक्ट प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें