नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS ने अपने अनुसांगिक संगठन ‘संस्कार भारती’ के जरिए अब भारत की कला व संस्कृति को और पुष्ट करने के लिए मजबूती से अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। इसके लिए दो अप्रेल को RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में ‘संस्कार भारती’ के चार मंजिला नए भवन ‘कला संकुल’ का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। यह कला संकुल मुख्य रूप से कला-संस्कृति की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होगा, जिसमें भारतीय कला, साहित्य, रंगमंच सहित अनेक विधाओं का संयोजन व संवर्धन किया जाएगा। इसमें कला-संस्कृति की पुस्तकों से सुसज्जित एक समृद्ध पुस्तकालय, आर्ट गैलरी, सभागार, स्टूडियो एवं कांफ्रेंस रूम की सुविधा उपलब्ध है।
सांस्कृतिक चुनौतियों का जवाब
RSS संस्कार भारती के जरिए भविष्य में दिल्ली को एक ‘कला नगर’ का रूप में स्थापित करना चाहता है, जिसकी सांस्कृतिक सुगंध से पूरा देश सुवासित होगा और भविष्य में ‘कला संकुल’ कला-संस्कृति के बड़े केंद्र के रूप में जाना जाएगा। संस्कार भारती का मानना है कि देश के सामने सांस्कृतिक चुनौतियां खड़ी की जा रही हैं। इसलिए ऐसे केंद्र-संस्थान बहुत जरूरी हैं। पिछले करीब चार दशक से संस्कार भारती शास्त्रीय नृत्य, संगीत व साहित्य, नाटक और चित्रकला से जुड़े देश भर के कलाकारों को मंच प्रदान करता आ रहा है। संस्कार भारती की देश भर में 2000 से अधिक शाखाएं हैं। जो कला से जुड़ी सभी जानकारियों व संस्थाओं को कलाकारों से जोड़ने का कार्य कर रही हैं।
पुस्तकालय, आर्ट गैलरी, सभागार, स्टूडियो एवं कांफ्रेंस रूम से सुसज्जित है कला संकुल
आपको यहां बता दें कि संस्कार भारती एक राष्ट्रवादी सांस्कृतिक संगठन है, जो भारत की परम्परागत शास्त्रीय, लोक और आधुनिक कलाओं के माध्यम से लोक जीवन में राष्ट्रीय मूल्यों के बीजारोपण के लिए प्रयत्नशील है। मूल्य आधारित कला मनोरंजन द्वारा व्यक्ति का विकास ही संस्कार भारती का लक्ष्य है। प्राचीन और आधुनिक के समन्वय और प्रतिभाशाली युवा कलाकर्मियों को नए प्रयोग की भूमि प्रदान करने में यह आगे हैं। पुस्तकालय, आर्ट गैलरी, सभागार, स्टूडियो एवं कांफ्रेंस रूम आदि से सुसज्जित संस्कार भारती के चार मंजिला नए भवन ‘कला संकुल’ से और ताकत मिलेगी। आपको यहां यह भी बता दें कि अभी तक कला, साहित्य, रंगमंच सहित अनेक विधाओं में वामपंथी संगठनों का दबदबा था। और इन संगठनों ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से भारत की अपनी लोक कला और सांस्कृतिक विरासत को विकृत रूप में पेश किया और वैसा ही बच्चों को भी पढ़ाया-लिखाया जाता रहा। गलत तरीके से व्याख्याएं प्रस्तुत की गईं। वामपंथी विचारधारा से असहमत लोगों को कोई मंच नहीं प्रदान किया जाता था। संघ अब इसी को ठीक करने में लगा है। संस्कार भारती ‘कला संकुल’ में अब ऐसे उन सभी कला प्रेमियों को मौका मिलेगा जिनकी नस-नस में भारतीय लोक कला और सांस्कृतिक विरासत रचीबसी पड़ी है।
दो साल में खड़ी हुई कला संकुल की इमारत
संस्कार भारती की चार मंजिला नई इमारत ‘कला संकुल’को बनने में करीब दो साल का समय लगा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा उद्घाटन के बाद अब कला प्रेमियों में खुशी की लहर है। कुछ दिनों पहले तक संस्कार भारती का यह कला केंद्र एक छोटे से केबिन में चला करता था, लेकिन अब इसकी शानदार इमारत है और यह दिल्ली के कई कला केंद्रों से बेहतर हो चुका है।
कला जगत के लिए होगा नया आकर्षण
इमारत के बेसमेंट में एक मॉडर्न पार्किंग है। ग्राउंड और पहले फ्लोर को साउंड प्रूफ बनाया गया है ताकि यहां होने वाले कार्यक्रमों में कोई अड़चन न आए। कला केंद्र की नई इमारत में शास्त्रीय संगीत और नृत्य से जुड़े दस्तावेजों का एक शानदार म्यूजियम भी बनवाया गया है। अब यह सेंटर कला जगत के लिए नया आकर्षण होगा और संघ इसके जरिए इंटलेक्चुअल और कल्चर से जुड़े लोगों को अपनी ओर खींचेगा। जाने-माने फिल्म अभिनेता परेश रावल और प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मान सिंह को संस्कार भारती से जोड़ा गया है ताकि युवा कलाकारों को वे संस्था से जोड़ सकें।