प्राइवेट लैब में अब 350 रु. में होंगे RT-PCR टेस्ट

जयपुर

राजस्थान सरकार ने कोरोना के RT-PCR टेस्ट की दर 500 रुपए से घटाकर 350 रुपए कर दी है। चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। सभी लैब्स अब कोरोना जांच के RT-PCR टेस्ट के 350 रुपए से ज्यादा नहीं ले सकेंगे, यह दर सभी टैक्स चुकाने के बाद की है।

गहलोत लेंगे ओपन मीटिंग, लिए जाएंगे जरूरी फैसले
इस बीच कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना कोर ग्रुप और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ मैराथन बैठक कर फीडबैक लिया। सरकार अब प्रदेशव्यापी कर्फ्यू सहित दूसरी पाबंदियां बढ़ाने पर विचार कर रही है। रविवार दोपहर 12 बजे कैबिनेट की बैठक में कोरोना के हालात पर चर्चा होगी, इसके बाद शाम 5 बजे सीएम ने ओपन बैठक बुलाई है। जिसमें अगले कदम के बारे में चर्चा होगी। ओपन बैठक में तय होगा कि कौन सी नई पाबंदियां लगानी है, वीकेंड कर्फ्यू का दायरा बढ़ेगा या नहीं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा- देश प्रदेश में जिस तरह से मरीजों और मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है, हालात चिंताजनक हैं, आज भी प्रदेश में 9046 कोविड केस आए हैं और 37 लोगों की मृत्यु हुई है।

सबकुछ बंद रखने का विकल्प
विशेषज्ञों ने सरकार को वीकेंड लॉकडाउन कम कर्फ्यू को सख्ती से लागू करने का सुझाव दिया है। इस बार वीकेंड कर्फ्यू में पाबंदियां कम हैं, अगले सप्ताह आपातकालीन सेवाओं को छोड़ सबकुछ बंद रखने का विकल्प अपनाया जा सकता है। सीएम की बैठक में कोरोना की जिलेवार हालात और वैक्सीनेशन की भी समीक्षा की गई है। कोरोना के ज्यादा प्रकोप वाले जिलों में ज्यादा सख्ती करने का सुझाव दिया है। कोरोना की नई गाइडलाइन के मुताबिक 5 बजे से बाजार बंद करने और शाम 6 से सुबह 5 बजे तक के कर्फ्यू में सख्ती होगी। अब तक पुलिस बाहर घूमने वालों के प्रति नरम थी, अब सख्ती के आदेश दिए जाएंगे।

अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए प्लांट्स को किया पाबंद
सीएम की बैठक में प्रदेश भर में ऑक्सीजन की उपलब्धता का भी रिव्यू हुआ है। सीएम ने ऑक्सीजन के सप्लाई चेन सिस्टम की लगातार मॉनिटरिंग कर अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट नहीं आने देने के निर्देश दिए हैंं। चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव ने सीएम को बताया कि सभी ऑक्सीजन प्लांट्स की लगातार निगरानी की जा रही है। ड्रग कंट्रोलर ने हर प्लांट की निगरानी शुरू कर दी है और सबसे पहले मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई जरूरी कर दी है। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की बात सामने आ रही है।