जयपुर
राजस्थान चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Rajasthan Chamber of Commerce and Industry) ने अपने सदस्यों एवं आम व्यापारीगणों के हितार्थ GST की समस्याओं एव उनके प्रस्तावित समाधान पर एक इंटरएक्टिव (संवाद) सत्र का आयोजन राजस्थान चैम्बर भवन में किया। इसमें व्यापारियों ने माना कि GST भारत का अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है लेकिन अभी इसे और तर्क संगत बनाए जाने की जरूरत है। इस के मुख्य अतिथि स्पेशल सेक्रेटी तथा सदस्य CBIC शशांक प्रिया के साथ ही सत्र में मुख्य आयुक्त, CGST, जयपुर महेन्द्र रंगा और प्रधान आयुक्त, CGST, जयपुर सी. के. जैन विशिष्ट अतिथि रहे।
सत्र को संबोधित करते हुए राजस्थान चैम्बर के अध्यक्ष डॉ. के. एल. जैन ने कहा कि GST भारत का अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है तथा इससे व्यापारियों को पुरानी कर प्रणाली की अपेक्षा काफी लाभ हुआ है। एक राष्ट्र एक कर की अवधारणा साकार हुई है। उन्होंने कहा कि GST की दरों को तर्क संगत बनाया जाना चाहिए। 4 स्लैब के स्थान पर तीन कर स्लैब 5 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 40 प्रतिशत रखी जानी चाहिए तथा पेट्रोल व डीजल को भी GST के दायरे में लाया जाना चाहिए। साथ ही जीवन बीमा प्रीमियम या मेडिक्लेम पर लगने वाले ळैज् को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों एवं उपस्थित जनसामान्य को चैम्बर के क्रिया कलापों की विस्तार से जानकारी दी तथा राजस्थानी परम्परानुसार उनका स्वागत-सत्कार किया गया।
GST काउंसिल को भेजें सुझाव
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि शशांक प्रिया ने कहा कि केन्द्र सरकार धीरे-धीरे GST को व्यापारियोें के हितार्थ सरलीकृत करने जा रही है तथा सुझावों पर GST काउंसिल में विचारार्थ प्रेषित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 328 वस्तुओं को GST की सबसे कम दर के अंदर रखकर आमजन को राहत प्रदान की गई है। विवाद निवारण के लिए गठित केन्द्रीय GST काउंसिल के बारे में भी दी। उन्होंने सदन को अवगत कराया तथा यह भी बताया कि यह शीघ्र ही कार्य करना आरंभ कर देगी। साथ ही उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-21 तक जो रिटर्न फाइल की गई है, उनमें त्रुटि सुधार हेतु प्रावधान किये हैं जिसमें अन्य रियायतों के साथ इनपुट टेक्स क्रेडिट भी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए केन्द्र के साथ साथ राज्यों से भी विचार विमर्श चल रहा है क्योंकि इससे राज्यों का राजस्व प्रभावित होता है। साथ ही उन्होंने संदिग्ध रजिस्ट्रेशन को पकड़ने के लिए बताया कि GSTN के माध्यम से डाटा एनालिसेस का कार्य चल रहा है तथा SOP बनाई जाएगी इससे व्यापारियों को काफी फायदा होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि रिफंड प्रदान करने के नियमों में भी बदलाव किया गया है। अब मात्र 30 दिनों में रिफंड दिया जाता है। उन्होंने हाल ही में प्रस्तुत किये गये केन्द्रीय बजट में GST में हुए महत्वपूर्ण बदलावों पर भी उपस्थित सदस्यों को जानकारी प्रदान की तथा उनके प्रश्नों के संतोषप्रद उत्तर दिये।
सत्र को मुख्य आयुक्त, CGST महेन्द्र रंगा और प्रधान आयुक्त, CGST सी. के. जैन ने भी संबोधित कर CGST के संबंध में जानकारी प्रदान की तथा उपस्थित सदस्यों की जिज्ञासाओं को शान्त किया। इस अवसर पर चैम्बर के प्रधान सलाहकार राजीव अरोड़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आर. एस. जैमिनी, आत्माराम गुप्ता, उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश, मानद महासचिव आनन्द महरवाल, डॉ. अरुण अग्रवाल वं एन. के. जैन के साथ ही कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्यगण, चैम्बर से सम्बद्ध व्यापारिक संस्थान/एसोसिएशन के पदाधिकारी गण, कर सलाहकार, व्यापारीगण, आमजन एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। अंत में चैम्बर के अध्यक्ष डॉ. के. एल. जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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