मुंबई
बैंकों से करीब 915.65 करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक कृषि उत्पाद कम्पनी के MD को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने की और कहा कि ईडी मामले में धनशोधन संबंधी जांच कर रही है। विशेष धनशोधन रोकथाम अदालत ने चतुर्वेदी को उसकी हिरासत में भेज दिया है। ईडी मामले में मनी लांड्रिंग संबंधी जांच कर रही है।
15 शेल कंपनियों का गठन कर फर्जी लेनदेन
गिरफ्तार MD का नाम विनोद चतुर्वेदी है और वह अशर एग्रो लिमिटेड और समूह की अन्य कंपनियों का प्रबंध निदेशक है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि समूह ने बैंकों से गठजोड़ कर ऋण लेकर गबन कर लिया। ईडी के अनुसार इस मामले में अपराध से हासिल की गई आय की पहचान की गई है जो 915.65 करोड़ रुपए बताई गई है। प्रवर्तकों ने 15 शेल कंपनियों का गठन करने के बाद फर्जी लेनदेन किया। समूह की कंपनियों ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन समूह की कंपनियों के साथ भी फर्जी लेनदेन किया।
ईडी ने दावा किया कि चतुर्वेदी ने पूछताछ के दौरान उसके साथ सहयोग ना करते हुए कोई जानकारी नहीं दी। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि मुंबई में एक विशेष धनशोधन रोकथाम अदालत ने चतुर्वेदी को उसकी हिरासत में भेज दिया है।
सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर चतुर्वेदी, उनकी कंपनी और मनोज पाठक नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि ‘समूह ने बैंकों के एक गठजोड़ से ऋण लिया और उसका गबन कर लिया।’
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