अहमदाबाद
कृषि लोन नहीं चुका पाने के बाद संपत्ति के मूल्य निर्धारण प्रमाणपत्र के बदले एक बैंक के दो सीनियर्स आफीसर्स ने एक ग्राहक से एक करोड़ की घूस मांग ली। ग्राहक ने इसकी शिकायत CBI को कर दी। इसके बाद बैंक के दो सीनियर्स आफीसर्स को CBI की टीम ने तीस लाख की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
मामला गुजरात के अहमदाबाद शहर की रत्नाकर बैंक (RBL) का है। इसके दो वरिष्ठ अधिकारियों को संपत्ति मूल्यांकन प्रमाणपत्र जारी करने के एवज में 30 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इन अधिकारियों की पहचान निमेश मंगर और सौरभ भसीन के रूप में की गई है। निमेश अहमदाबाद में स्थित बैंक के एग्रो डिविजन का रिजनल हेड मैनेजर है जबकि सौरभ भसीन बैंक के ‘रिकवरी’ प्रमुख हैं।
सीबीआई द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार गांधीनगर के एक व्यवसायी और उनके परिवार के 12 सदस्यों ने 2016 में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की बागवानी योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन किया था। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार परियोजना लागत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी (अनुदान) देती है।
रत्नाकर बैंक की अहमदाबाद शाखा ने कारोबारी को 10.87 करोड़ रुपए का ऋण दिया जो उस वर्ष परियोजना लागत का 75 प्रतिशत था। लेकिन 2017 में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने सब्सिडी के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था।
इस पर बोर्ड ने सब्सिडी मंजूर करने के लिए कर्ज देने वाले बैंक से गिरवी रखी गई संपत्ति का मूल्यांकन प्रमाणपत्र मांगा। व्यवसायी की शिकायत थी कि कई आवेदनों के बावजूद, बैंक ने उन्हें प्रमाण पत्र जारी नहीं किया और बैंक के ‘रिकवरी प्रमुख’ सौरभ भसीन ने मूल्यांकन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक करोड़ रुपए की मांग की और बाद में 30 लाख रुपए पर तैयार हो गए। भसीन ने कथित तौर पर निमेश मंगर को पैसे देने को कहा।
विज्ञप्ति के अनुसार सीबीआई ने कारोबारी की शिकायत पर जाल बिछाकर 30 लाख रुपए लेते हुए निमेश मंगर को रंगे हाथ पकड़ लिया। भसीन को बाद में पुणे में गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि मूल्यांकन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक करोड़ रुपए का अनुचित लाभ मांगने के आरोप में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दोनों बैंक अधिकारियों के अहमदाबाद, पुणे तथा दिल्ली स्थित कार्यालयों तथा आवासों पर तलाशी अभियान जारी है।
सीबीआई अधिकारियों ने कहा, ‘सब्सिडी की अनुपलब्धता के कारण शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के सभी कृषि ऋण गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) बन गए और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए गिरवी रखी गई संपत्तियों के लिए एक मूल्यांकन प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी। इसके लिए बैंक अधिकारियों ने इस काम के लिए शिकायतकर्ता से घूस मांगी थी। सीबीआई टीम ने शिकायत के आधार पर अहमदाबाद, पुणे और दिल्ली समेत पांच जगहों पर छापेमारी की थी।
क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?
- दीपावली पर स्वच्छता के सच्चे नायकों का सम्मान | वार्ड 43 में पार्षद दीपक मुदगल ने सफाई कर्मियों को किया सम्मानित
- 30 सालों से जारी भक्ति की परंपरा | दौसा में 25 फीट ऊंचे गोवर्धन महाराज की भव्य झांकी ने मोहा मन
- बैंकिंग में क्रांति आने वाली है | आरबीआई ने जारी किए 238 नए नियम, लॉकर से लेकर लोन और साइबर ठगी तक सब बदल जाएगा
- प्यार में शक, और शक ने ले ली ज़िंदगी | जयपुर में पति ने पत्नी को मार डाला, फिर खुद फंदे पर झूल गया
- राजस्थान पुलिस में बड़ा फेरबदल, 34 IPS अफसरों के तबादले | जयपुर को मिला नया पुलिस कमिश्नर, सचिन मित्तल संभालेंगे कमान | देखें पूरी लिस्ट
- दर्शन से लौटते वक्त काल ने घेर लिया | जयपुर में सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की गई जान
- पॉश इलाके में महिला जज से लूट | चैन स्नेचिंग से मचा हड़कंप, चेहरे पर आई चोटें
- जयपुर के वार्ड 70 में स्वच्छता योद्धाओं को मिला दीपावली पर सम्मान | पार्षद निवास पर हुआ भव्य समारोह
- सड़क पर अब नहीं चलेगी ‘मूक सवारी’ | इलेक्ट्रिक वाहनों में लगेगा साउंड सिस्टम, जानें कब से लागू होगा नया नियम
- जयपुर में एक बाइक पर पांच सवार, घुमाव पर नहीं घूम पाया हैंडल | फिसल गईं जिंदगियां — पति-पत्नी और भतीजी की मौत
