सरकार! दुकान बंद हो या चालू, हमारे तो सभी खर्चे चालू हैं

भरतपुर 


भरतपुर के व्यापारियों ने प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र


बार-बार की बंदिशों से दुखी व्यापारियों ने प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने का एक अभियान शुरू किया है और कहा है कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनकी बात सुनी नहीं जाती। व्यापारियों का कहना है कि उन पर हर तरफ से चौतरफा मार पड़ती है। सरकार हमें बताए कि दुकान बंद हो या चालू, हमारे तो सभी खर्चे चालू हैं। ऐसी स्थति में वे अपने परिवारों का खर्चा कैसे चलाएं। पत्र में व्यक्त की गई व्यापारियों की यह पीड़ा यहां अविकल रूप से प्रस्तुत की जा रही है:

मान्यवर, प्रधानमंत्री जी एवं राज्यों के सभी मुख्यमंत्री,
लॉकडाउन की घोषणा की और सभी से ऑफिस, दुकान, कारखाने बन्द रखने का आग्रह किया और इसके बाद भी अभी कोरोना वायरस की महामारी के चलते जिस प्रकार से  कोरोना संक्रमित के आँकड़े दिन पर दिन भारत देश में बढ़ते जा रहे हैं। इन हालातों को देखकर ऐसा  महसूस हो रहा है कि यह लॉकडाउन इतनी जल्दी नहीं समाप्त होगा।

मान्यवर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, आपने भारतवासियों के मन में एक जगह बनाई है। भारतवासियों के मन में आपने एक विश्वास की डोर जगाई है। इसे आप टूटने मत दीजिएगा। इस लॉकडाउन के चलते आपने सभी राज्यों के गरीबों, बेसहारा और किसानों के लिए राशन, कज॔-माफ़ी और उनके बैंक के खातों में रुपए भिजवाए हैं। ये आपने बहुत अच्छा काम किया है। इसके लिए हम भारतवासी आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
लेकिन, मान्यवर प्रधानमंत्री जी, हम छोटे व्यापारी, बड़े व्यापारी और मिडिल क्लास वालों की क्या गलती है जिनको इस कोरोना की महामारी के लॉकडाउन में किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलता। क्या गलती है हमारी कि हम पूरा दिन मेहनत करके अपना व्यवसाय चलाते हैं और व्यापार से जो पैसा कमाते हैं उससे:

  •  घर का खच॔    
  • बच्चों की स्कूल फीस   
  • बच्चों की ट्यूशन फीस   
  • घर और दुकान का लाइट बिल    
  • दुकान के कम॔चारीयों की पेमेन्ट   
  • जीएसटी का खच॔    
  • मुनीम की फीस   
  • बैंक का ब्याज   
  • मकान या दुकान की EMI  
  • दुकान या मकान का किराया  
  • दुकान और मकान की प्रापर्टी और पानी की टेक्स  
  • बच्चों की स्कूल वेन की फीस  
  • गाड़ी के लाइसेंस और इंश्योरेंस का खच॔   
  • परिवार के इंश्योरेंस का खच॔  
  • बच्चों के स्कूल की कॉपी  ओर किताब का खच॔  
  • और अन्य फुटकर खच॔

जब से ऑनलाइन बिजनेस चालू हुआ है, तबसे व्यापारियों की जैसे कमर ही टूट गई है। इसके बाद भी व्यापार मंदा हो या तेज, व्यापारियों का खच॔ चालू है। इसके बाद भी व्यापारी और मिडिल क्लास वालों के लिए सरकार की तरफ से कोई भी लाभ नहीं मिलता। ऐसा क्यों? हम क्या इंसान नहीं है?
मान्यवर प्रधानमंत्री जी, इस कोरोना की महामारी के चलते लॉकडाउन में सबसे ज्यादा व्यापारियों और मिडिल क्लास वालों को फर्क पड़ा है क्योंकि हमारे तो सभी खच॔ चालू हैं। लॉकडाउन के चलते सभी के व्यापार ठप हो गए हैं। बैंक से जिन्होंने भी लोन या कज॔ लिया है, लॉकडाउन के चलते उनकी सिर्फ EMI को आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन ब्याज माफ नहीं कर रहे हैं और लॉकडाउन के चलते जब तक EMI बढेगी तब तक बैंक ब्याज के ऊपर ब्याज वसूलेगी।
अब सवाल ये उठता है कि व्यापारी और मिडिल क्लास वालों का गुजारा कैसे होगा क्योंकि दुकान खुली हो या बन्द हो उनके तो सभी खच॔ चालू हैं।

मान्यवर प्रधानमंत्री जी से हम  सभी व्यापारी और मिडिल क्लास वाले अपील करते हैं कि जो हम पर बैंक का ब्याज, बच्चों की स्कूल फीस, घर और दुकान का लाइट बिल, प्रापर्टी और पानी की टेक्स, GST खच॔, ये सभी खच॔ 6- महीने के लिए माफ किए जाएं। जिस प्रकार आप किसानों को अकाल में ब्याज से मुक्ति देते हैं, यह समय हम व्यापारियों के लिए भी अकाल ही है।
समस्त व्यापारी संघ




 

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