लोन के वापस आए 39 करोड़ डकार गए बैंक के अधिकारी, दर्ज होगा धोखाधड़ी का मुकदमा

कानपुर 

लोगों ने एक बैंक से लोन लिया और उसे लौटा भी दिया, लेकिन बैंक के अधिकारियों ने लोन की वापस आई यह राशि अपनी जेबों में रख ली। मामले का राज तब खुला जब घोटाले की जांच करने वाले अधिकारियों ने लोन लेने वालों को लोन की राशि लौटाने के नोटिस जारी करने शुरू कर दिए और इससे घबराए लोग अपने सारे कागजात लेकर बैंक पहुंचे और कहा कि वे तो लोन का चुकारा कर चुके हैं। अब इस गबन में लिप्त बैंक अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है

मामला कानपुर की ब्रह्मावर्त कोआपरेटिव बैंक का है अधिकारियों ने जिस तरह से लोन की वापस आई रकम अपनी जेब में रख फर्जी एनओसी जारी की, उसे देखते हुए उनके ऊपर धोखाधड़ी की एक और रिपोर्ट दर्ज होगी। इसके लिए विधिक राय ली जा रही है। लिक्विडेटर अंसल कुमार नवंबर 2019 में उनके खिलाफ पहले भी गोविंद नगर थाने में वित्तीय अनियमितता की रिपोर्ट दर्ज करा चुके हैं। इस मामले में सहकारिता विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) भी जांच कर रही है।

अनियमितताओं के चलते रद्द कर दिया था बैंक का लाइसेंस
वर्ष 2018 में वित्तीय अनियमितताओं के चलते रिजर्व बैंक ने ब्रह्मावर्त कोआपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द  कर दिया था। इसके बाद करीब डेढ़ वर्ष की जांच के बाद लिक्विडेटर अंसल कुमार ने थाने में नवंबर 2019 में बैंक के मुख्य कार्यवाहक अधिकारी आशुतोष मिश्रा, उनकी पत्नी व बैंक की महाप्रबंधक किरण मिश्रा, उनके बेटे व बैंक के सहायक महाप्रबंधक सौरभ मिश्रा, विनय प्रताप, संजय त्रिपाठी, दिनेश दीक्षित, केएस त्रिपाठी, विनोद कुमार, संजीव बाजपेई, गिरीश अवस्थी, अतुल शुक्ला, सीएम पांडेय, सत्यजीत अवस्थी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप था कि इन सभी ने मिलकर खाताधारकों के 39 करोड़ रुपए  का गबन कर लिया।

जांच अधिकारियों को भी अनुमान नहीं था कि इसके आगे भी उन्हें और घोटाले मिलेंगे, लेकिन जब उन्होंने लोन लेने वालों को लोन की राशि लौटाने के नोटिस जारी करने शुरू किए तो उनके हाथ नई चीजें लगीं। इसमें अब तक करीब आधा दर्जन ऐसे लोग सामने आ चुके हैं, जिनकी संपत्ति के कागजात वापस उन्हें मिल चुके हैं और एनओसी भी उनके पास है। संपत्ति के कागजात रख लोन लेने वालों ने बताया कि वे अपना लोन चुका चुके हैं, तभी उन्हें कागजात मिले। जांच अधिकारियों के मुताबिक, लोन में जो धन वापस आया, उसे बैंक के अधिकारियों ने अपनी जेब मेें रख लिया। इसलिए सिस्टम अब भी लोन दर्शा रहा है।


इस मामले में बैंक के अधिकारियों पर जल्द ही एक और बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है। कागजातों को पूरा करने के बाद यह कार्रवाई होगी।
 
-अंसल कुमार, लिक्विडेटर, ब्रह्मावर्त कोआपरेटिव बैंक


अब अधिकारी इस मामले में भी जांच कर रहे हैं कि एनओसी में किन लोगों के हस्ताक्षर हैं और लोन लेने वाले ने किसे धन चुकाया था। इसके अलावा जिन लोन लेने वालों ने नोटिस के बाद भी अब तक बैंक से संपर्क नहीं किया है। उनके कागजात भी चेक किए जा रहे हैं कि कहीं उनके कागजात भी तो लौटा नहीं दिए गए हैं और सिर्फ सिस्टम में ही लोन नजर आ रहा हो। ऐसे नामों की सूची बनाकर उन लोन लेने वालों से भी मिला जाएगा। इन सभी लोगों की सूची बनाकर एक और मुकदमे दर्ज कराया जाएगा।




 

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