कर्मचारियों की फाइलों में से गायब हो रहीं थीं बेटियां | अब केंद्र सरकार ने तोड़ी चुप्पी, जारी किया ये स्पष्टीकरण

नई दिल्ली 

कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह खबर राहत की सांस जैसी है। बीते महीनों में पेंशन से जुड़ी फाइलों में एक अजीब सिलसिला चल पड़ा था — कई मामलों में बेटियों के नाम पारिवारिक सूची से रहस्यमय ढंग से गायब हो रहे थे। शिकायतें बढ़ीं, सवाल उठे, और अब आखिरकार केंद्र सरकार ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने साफ कर दिया है कि बेटी का नाम पारिवारिक पेंशन की सूची से किसी भी हालत में नहीं हटाया जाएगा।
विभाग ने अपने ताज़ा कार्यालय ज्ञापन में कहा है कि हर सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी को अपने परिवार के सभी सदस्यों का विवरण देना अनिवार्य है — चाहे वे पेंशन के पात्र हों या नहीं।

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क्या कहा गया सरकारी ज्ञापन में?

DoPPW के अनुसार —

“जैसे ही किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा निर्धारित प्रारूप में बेटी का नाम परिवार के सदस्य के रूप में दर्ज कर दिया जाता है, वह परिवार की सदस्य मानी जाएगी। इसलिए उसका नाम सूची से हटाया नहीं जाएगा। परिवार पेंशन की पात्रता का निर्णय केवल पेंशनर या परिवार पेंशनर के निधन के बाद ही किया जाएगा।”

इसका सीधा मतलब यह है कि बेटी का नाम सूची में बना रहेगा — भले ही उस समय वह परिवार पेंशन की पात्र न हो। पात्रता की जांच बाद में होगी, लेकिन नाम अब कभी नहीं हटाया जाएगा।

कौन से नियम में है यह प्रावधान?

यह व्यवस्था केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 [CCS (Pension) Rules, 2021] के नियम 50(15) के तहत आती है। इस नियम में कहा गया है कि सरकारी सेवा में प्रवेश के समय हर कर्मचारी को अपने परिवार के सभी सदस्यों — पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता और विकलांग भाई-बहन — का विवरण देना अनिवार्य है, चाहे वे पेंशन के पात्र हों या नहीं।

अगर किसी मृत कर्मचारी के परिवार के सदस्य का नाम Form 4 या कार्यालय रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, तब भी उसका दावा अस्वीकार नहीं किया जाएगा, बशर्ते कि वह पात्र पाया जाए।

किन पर लागू नहीं होगा यह नियम?

DoPPW ने स्पष्ट किया है कि यह प्रावधान उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा,

“जो पहले सिविल या सैन्य सेवा से सेवानिवृत्त होकर पुनः नियुक्त हुए हैं और जिनकी नई सेवा के तहत कोई नई पेंशन या ग्रेच्युटी देय नहीं है।”

सीधी भाषा में समझिए – अब क्या बदलेगा

  • बेटी का नाम किसी भी पारिवारिक सूची से नहीं हटेगा।

  • पात्रता की जांच केवल पेंशनर की मृत्यु के बाद होगी।

  • Form 4 में नाम न होने पर भी दावा अस्वीकार नहीं किया जाएगा।

  • नियम CCS (Pension) Rules, 2021 के अंतर्गत लागू रहेगा।

इस फैसले के बाद हजारों परिवारों को राहत मिलेगी, जो महीनों से बेटियों के नाम हटाए जाने को लेकर परेशान थे।
सरकार का यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक स्पष्टता लाता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि —

“बेटी का नाम अब किसी फाइल से मिटाया नहीं जा सकता।”

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