भारी लवाजमे के साथ प्रशासन का श्रमिकों की कॉलोनी पर धावा , दर्जनों जेसीबी से आवासों को तोड़ किया बेघर

भरतपुर

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भरतपुर की सिमको लेबर कॉलोनी में 8 फरवरी को दर्जनों जेसीबी लगा कर श्रमिकों के घरों को तहस-नहस कर दिया गया। यह कार्रवाई जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से की गई। इस पूरे अमले ने दर्जनों जेसीबी मशीनों और भारी पुलिस लवाजमे के साथ इस लेबर कॉलोनी पर इस इस तरह धावा बोला जैसे किसी दुश्मन पर चढ़ाई करने जा रहे हों। श्रमिक परिवारों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। वे चीखते-चिल्लाते रहे। प्रशासन ने उनको कार्रवाई से जुड़ा कोई नोटिस भी नहीं दिया।

8 फरवरी को जब प्रशासनिक अमला तोड़फोड़ करने पहुंचा तो उस समय कॉलोनी के लोग अपने काम में व्यस्त थे। तोड़फोड़ के दौरान एक महिला से बेअदबी करने की भी कोशिश की गई। यह महिला जिस समय अपने घर में नहा रही थी  उसी समय जेसीबी ने उसके घर की दीवार गिरा दी। इस तोड़फोड़ में श्रमिकों के घरेलू सामान को काफ़ी नुकसान पहुंचा है। इससे पहले भी कंपनी प्रबंधन और प्रशासन ने मिलकर सिमको स्कूल को तोड़ दिया था। खेल के मैदान को भी तहस-नहस कर दिया था। पर सरकार तब भी कुछ नहीं बोली और अब भी कुछ नहीं कहा। इससे ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसके कुछ लोगों के इशारे पर यह कार्रवाई की गई।

किसके इशारे पर हुई कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार श्रमिकों को बेघर करने की यह कार्रवाई टीकागढ़ वैगन लिमिटेड और राजस्थान सरकार के इशारे पर  हुई। इसमें सत्तारूढ़ दल से जुड़े हुए कुछ राजनेताओं की मिलीभगत सामने आ रही है। बताया गया इस लेबर कॉलोनी को खुर्द-बुर्द करने के एवज में कोई बड़ा सौदा हुआ है।





उल्लेखनीय है कि टीकागढ़ वैगन लिमिटेड ने 2008 में भरतपुर की इस सिमको वैगन लिमिटेड को ख़रीद लिया था। उसके कुछ समय बाद से ही सिमको लेबर कॉलोनी और उससे जुड़ी जगह को लेकर मिलीभगत का खेल चल रहा है।

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