नई दिल्ली
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत योजना को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान मिली खामियों से नाराज मंत्री ने बड़ी कार्रवाई की। एक आला अफसर को छुट्टी पर भेज दिया। तो दूसरे को कहा; ‘आप वीआरएस ले लीजिए, रेलवे को आपकी जरूरत नहीं’।
वंदे भारत एक्सप्रेस की इस रिव्यू मीटिंग में रेलवे के ये अफसर बिना तैयारी के पहुंच गए थे। इससे अक्सर विनम्र रहने वाले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खासे नाराज ही नहीं हुए, बल्कि एक अफसर को तो छुट्टी पर ही भेज दिया। और दूसरे को कहा- आप, वीआरएस के लिए अप्लाई कर दें। ‘वंदे भारत’ की राह में रोड़ा बने रेलवे के कई और अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत एक्सप्रेस की रिव्यू मीटिंग में वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रोडक्शन को लेकर जानकारी मांगी थी, लेकिन अफसर इसकी जानकारी नहीं दे सके। इस पर भरी मीटिंग में रेलवे के दो आला अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
रिव्यू मीटिंग में रेल मंत्री ने रेलवे के अधिकारी एमटीआर एस राहुल जैन और ईडी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी से वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रोडक्शन से संबंधित जानकारी पूछी। लेकिन दोनों अफसर जानकारी नहीं दे सकेे। इस पर रेल मंत्री ने फटकार लगाने के बाद एमटीआरएस राहुल जैन को छुट्टी पर भेज दिया औैर मंत्रालय के एक ईडी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी से कहा गया है कि आप वीआरएस ले लीजिए, रेलवे को आपकी जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे उच्च प्राथमिकता में रखा है। इसे लेकर हुई रिव्यू मीटिंग में ढिलाई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से परियोजना को पटरी से उतारने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करने का रेल मंत्री साफ़ संकेत दे चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के चलाने के बारे में ब्योरा पेश करने को कहा गया। अपेक्षित जवाब न मिलने पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जिम्मेदार अफसरों से सीधे सवाल पूछा और जानकारी मांगी। उन्होंने जानना चाहा कि वंदे भारत ट्रेनों के लिए कितने कोच बनाए जा रहे हैं, लेकिन यथोचित जवाब नहीं मिला। नाराज मंत्री ने इससे जुड़े आला अफसर को कड़ी फटकार लगाते हुए तत्काल छुट्टी पर जाने को कहा। उक्त अधिकारी फिलहाल मेडिकल लीव पर चले गए हैं। उनका कार्यकाल अगले साल मार्च तक है। इस पूरे मसले पर मंत्रालय में रहस्यमयी चुप्पी है।
अन्य लापरवाह अधिकारियों पर भी हो सकता है एक्शन
रेल मंत्रालय में चर्चा है कि आने वाले दिनों में रेल मंत्रालय और रेलवे कोच फैक्टरियों और पीएसयू के लापरवाह अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। रेल मंत्री के कड़क निर्णय को देखते हुए रेल मंत्रालय के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अधिकारी अब मंत्री के साथ रिव्यू मीटिंग में आने के पहले पूरी तैयारी के साथ ही मीटिंग में आएंगे।
कहीं रेल अफसरों की गुटबाजी तो नहीं?
जानकारी मिली है कि रेल मंत्रालय में मेंबर बोर्ड और बड़े स्तर के अधिकारियों के बीच काफी गुटबाजी है। इसी कारण कुछ अफसर मेक इन इंडिया वंदे भारत एक्सप्रेस का प्रोडक्शन प्रभावित करने की कोशिश में लगे हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस में कमियां निकालने से लेकर देश को वंदे भारत एक्सप्रेस देने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने के बजाय विजिलेंस जांच कर प्रताड़ित किया करने के मामले भी सामने आ चुके हैं। कुछ लोग चाहते हैं कि इसका उत्पादन देश में न हो। ट्रेन सेट विदेश से आयात हो या फिर पार्ट्स का टेंडर उनकी चहेती कंपनियों को मिले।
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