जयपुर में GRC की 10वीं बैठक में राजस्थान चेम्बर ने ITC, रिटर्न, रिफंड, ई-वे बिल और MSME अनुपालन से जुड़ी GST समस्याओं पर समाधान-उन्मुख ज्ञापन सौंपा।
जयपुर
राजस्थान में व्यापार और उद्योग जगत को जीएसटी के तहत आ रही रोजमर्रा की दिक्कतें अब औपचारिक रूप से ग्रिवेंस रिड्रेसल कमेटी (GRC) के मंच तक पहुँच गई हैं। राजस्थान चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ. के. एल. जैन और वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. अरुण अग्रवाल ने केंद्रीय जीएसटी विभाग की 10वीं GRC बैठक में सक्रिय भागीदारी करते हुए व्यापारियों की समस्याओं से जुड़ा विस्तृत और समाधान-केंद्रित ज्ञापन प्रस्तुत किया।
यह बैठक केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के प्रमुख आयुक्त श्री गौरव कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें उद्देश्य साफ था—नीतियों के बजाय व्यवहार में आ रही परेशानियों को समझना और उनका रास्ता निकालना।
राजस्थान चेम्बर की ओर से रखे गए ज्ञापन में जीएसटी के उन पहलुओं को रेखांकित किया गया, जिनसे व्यापारी रोज़ जूझ रहे हैं। इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट में आ रही विसंगतियाँ, जीएसटी पोर्टल पर रिटर्न दाखिल करते समय तकनीकी अड़चनें, नोटिसों की समयसीमा और जटिल प्रक्रियाएँ, अपील और रिफंड मामलों में हो रही देरी, ई-वे बिल और मिलान संबंधी समस्याएँ, साथ ही एमएसएमई और छोटे व्यापारियों पर बढ़ता अनुपालन दबाव प्रमुख रूप से शामिल रहा।
बैठक में बोलते हुए डॉ. के. एल. जैन ने कहा कि जीएसटी अब देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है, लेकिन इसकी सफलता तभी संभव है जब कर व्यवस्था सरल, पारदर्शी और व्यापार के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि राजस्थान चेम्बर प्रदेश का शीर्ष व्यापारिक संगठन होने के नाते उद्योग और व्यापार की वास्तविक समस्याओं को लगातार सरकार और कर प्रशासन तक पहुँचाता रहा है और उम्मीद है कि इस ज्ञापन पर शीघ्र ठोस निर्णय लिए जाएंगे।
डॉ. अरुण अग्रवाल ने विशेष रूप से एमएसएमई और लघु व्यापारियों की स्थिति पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी अनुपालन उनके लिए तकनीकी और प्रक्रियागत रूप से चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। ऐसे में विभाग और व्यापारिक संगठनों के बीच इस तरह की बैठकें संवाद का जरूरी सेतु बनती हैं।
बैठक में जीएसटी विभाग की ओर से मुख्य आयुक्त श्री मनीष कुमार (वर्चुअल), अतिरिक्त आयुक्त श्री विनीत सिंह देवल तथा एसजीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त उपस्थित रहे। अधिकारियों ने चेम्बर द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और आवश्यक स्तर पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। चर्चा के दौरान कुछ मामलों में तत्काल समाधान की दिशा में संकेत भी सामने आए।
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