डीएमए इंडिया ने चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए राष्ट्रीय लीगल एडवाइजर्स टीम गठित की। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं के साथ कानूनी सुरक्षा की नई पहल।
नई दिल्ली
डेमोक्रेटिक मेडिकल एसोसिएशन (DMA India) ने देशभर के चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को सशक्त, संरचित और सुलभ कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर की लीगल एडवाइजर्स टीम के गठन की घोषणा की है। यह पहल चिकित्सा समुदाय के अधिकारों, गरिमा और व्यावसायिक सम्मान की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल की शुरुआत डॉ. अमित व्यास (राष्ट्रीय प्रमुख एवं अध्यक्ष, डीएमए) के नेतृत्व में की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि डीएमए चिकित्सकों की पेशेवर सुरक्षा और सम्मान को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इस पहल का सक्रिय समन्वय डीएमए के संस्थापक एवं राष्ट्रीय महासचिव डॉ. शुभ प्रताप सोलंकी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सकों को समयबद्ध, प्रभावी और विश्वसनीय कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है।
डीएमए के सह-संस्थापक एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. भानु कुमार के मार्गदर्शन में इस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया गया है। उन्होंने वर्तमान चुनौतीपूर्ण स्वास्थ्य परिदृश्य में चिकित्सकों के लिए कानूनी जागरूकता और संरक्षण की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।
डीएमए नेशनल लीगल एडवाइजर्स टीम का कार्यक्षेत्र
डीएमए की इस राष्ट्रीय लीगल एडवाइजर्स टीम में स्वास्थ्य कानून, मेडिको-लीगल मामलों और पेशेवर अधिकारों में विशेषज्ञ अनुभवी अधिवक्ता शामिल किए गए हैं। टीम का कार्यक्षेत्र निम्नलिखित रहेगा—
- चिकित्सकों को कानूनी परामर्श
- मेडिको-लीगल मामलों में सहायता
- कार्यस्थल पर उत्पीड़न एवं हिंसा से संरक्षण
- झूठे आरोपों के मामलों में कानूनी समर्थन
- न्यायिक एवं प्रशासनिक प्राधिकरणों के समक्ष प्रतिनिधित्व
घोषित किए गए नेशनल लीगल एडवाइजर्स
डीएमए द्वारा घोषित राष्ट्रीय लीगल एडवाइजर्स में शामिल हैं—
- एडवोकेट आदर्श सिंह (सुप्रीम कोर्ट, इंडिया)
- एडवोकेट संजीव गुप्ता (सुप्रीम कोर्ट, इंडिया)
- एडवोकेट मनीषा तिवारी (बॉम्बे हाई कोर्ट)
- आरजू खट्टर (दिल्ली हाई कोर्ट)
- एडवोकेट विधि गुप्ता (दिल्ली हाई कोर्ट)
(लेडी मेंबर एग्जीक्यूटिव, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन) - एडवोकेट मृणाल किशोर (सुप्रीम कोर्ट, इंडिया)
- एडवोकेट स्नेहा रानी (सुप्रीम कोर्ट, इंडिया)
इस राष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए डॉ. अमित व्यास ने कहा कि डीएमए चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सशक्त बनाने, उनकी पेशेवर सुरक्षा सुनिश्चित करने और चिकित्सा समुदाय की गरिमा बनाए रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, ताकि वे बिना भय और अनावश्यक दबाव के पूरी निष्ठा से रोगी सेवा कर सकें।
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