भरतपुर
भरतपुर जिले के भुसावर उपखंड स्थित बोराज गांव में शुक्रवार आधी रात एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। खेड़ली इस गांव में एक पुराना पाटौर (पत्थरों की पट्टियों से बना छज्जेनुमा ढांचा) अचानक भरभराकर ढह गया और इसके नीचे सो रहे बुजुर्ग दंपती उसकी चपेट में आ गए। हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
नींद में ही हमेशा के लिए सो गए दंपती
मृतक के बेटे केसर मीणा ने बताया कि उनके माता-पिता — 80 वर्षीय टुंडाराम मीणा और 79 वर्षीय जग्गू देवी — रोज की तरह पाटौर के नीचे सोए हुए थे। आधी रात करीब 12 बजे अचानक जोरदार धमाके जैसी आवाज हुई और पाटौर की पत्थरनुमा छत भरभराकर गिर गई।
टुंडाराम और जग्गू देवी उस मलबे में पूरी तरह दब गए। घर के दूसरे हिस्से में सो रहे बेटा और पड़ोसियों ने दौड़कर मलबा हटाना शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया और तुरंत भुसावर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने किया निरीक्षण, ग्रामीणों ने जताया रोष
घटना की सूचना पर खेड़ली मोड़ थाना प्रभारी बलराम मौके पर पहुंचे और पुलिस टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मकान पुराना था और लगातार बारिश के चलते पाटौर की दीवारें और छतें काफी कमजोर हो चुकी थीं। शनिवार सुबह दोनों शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया।
गांव में पसरा मातम, प्रशासन से मांगा सर्वे
इस हादसे के बाद बोराज गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के कारण पुराने मकानों की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है और प्रशासन को तुरंत ऐसे मकानों का सर्वे करवाकर उन्हें खाली कराना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे रोके जा सकें।
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