एनआईआरएफ रैंकिंग में उदयपुर सीटीएई का राजस्थान में छठा स्थान

उदयपुर 

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से पूरे देश के शिक्षण संस्थानों के लिए जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में इंजिनीरिंग संस्थानों की श्रेणी में उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संघठक प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय (सीटीएई) का राजस्थान में 6ठा और देश के प्रथम 300 में स्थान आया है।

महाविद्यालयों की रैंकिंग का आंकलन उसके शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसन्धान परियोजनाओं, अनुसन्धान पत्रों की गुणवत्ता तथा छात्रों की प्लेसमेन्ट एवं आधारभूत संरचना के विकास आदि को मुख्य रूप से ध्यान रखकर किया जाता है।

एमपीयूएटी के कुलपति डॉ.नरेंद्र सिंह राठौड़ ने सीटीएई के अधिष्ठाता, फैकल्टी  एवं विधार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारा अभियांत्रिकी महाविद्यालय देश के अग्रणी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में से एक है तथा पूरे देश में एनआईआरएफ रैंकिंग में यह स्थान प्रदेश के अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।

डॉ.नरेंद्र सिंह राठौड़ ने  बताया कि अनेक अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रों के प्रकाशन, अनुसन्धान परियोजनाओं के संचालन तथा आधारभूत विकास में भी सीटीएई ने उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हमें इस रैंकिंग को और सुधार कर  प्रथम 100 संस्थानों में स्थान पाने के प्रयास करने होंगे।

सीटीएई के अधिष्ठाता डॉ. पीके सिंह ने बताया कि कोरोना काल में भी विद्यार्थियों के बेहतरीन कैंपस प्लेसमेंट से सीटीएई के एक छात्र को प्रतिष्ठित कंपनी द्वारा 25 लाख का पैकेज दिया गया जो अभी तक का अधिकतम पैकेज है। पिछले सत्र में देश विदेश की 28 कम्पनियों ने कॉलेज में छात्रों को जॉब ऑफर की तथा लगभग 80 प्रतिशत छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट मिला है।

डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना काल में भी सीटीएइ में ऑनलाइन कक्षाओं का सफल संचालन किया है। साथ ही अनेक ई कांपेंडियम और ई मनुअल का प्रकाशन भी किया है। इस दौरान उच्च गुणवत्ता के शोध पत्रों के प्रकाशन से स्कूपस इंडेक्स 55 तक पहुँचा है।

डॉ.सिंह ने बताया कि महाविद्यालय में अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया इंडिया वॉटर सेंटर की मोरवी परियोजना, संस्थागत विकास की राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा जैसी प्रतिष्ठित परियोजना सम्मिलित हैं। साथ ही  महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दिशा निर्देश के अंतर्गत  कई अंतरराष्ट्रीय  परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया  है।

क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?