लखनऊ
अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है। पार्टी यूपी में जमीनी तैयारी में जुट गई है। कार्यकर्त्ता इसके लिए यूपी में गुजरात के तर्ज पर पन्ना कमेटी बनाने में लगे हैं। शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से की गई है। यूपी में पहली बार पेज कमेटी का काम शुरू किया गया है।
कार्यकर्ताओं को और पेज कमेटी के सदस्यों को कार्ड बांटे जा रहे हैं। वाराणसी के बाद प्रदेश के अन्य लोकसभा क्षेत्रों में अलग-अलग लोगों को जिम्मेदारी देकर पेज कमेटी बनाई जाएगी। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के सभी गांवों में जाकर लोगों को पेज कमेटी से लोगों को जोड़ा जा रहा है। अब शहर से अन्य चयनित लोगों को भी भेजा जाएगा।
कट सकते हैं कई विधायकों के टिकट
गुजरात (Gujarat) की तरह ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी सत्ता वापसी के लिए बीजेपी गुजरात फॉर्मूले को अपनाने की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा होता है तो कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। चर्चा है कि यूपी में भी भाजपा उसी फार्मूले के तहत अपने 100 से ज्यादा मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।
फरवरी-मार्च में हो सकते हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 403 में से 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटें ही जीती थीं। मायावती की बसपा 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
हारी हुई सीटों पर विशेष फोकस
बीजेपी का खास फोकस हारी हुई लगभग 80 सीटों पर है, जहां 2017 में पार्टी को जीत नहीं मिली थी। इनमें 60 से ज्यादा ऐसे सीटें हैं जहां पार्टी आज तक कभी भी विधानसभा का चुनाव ही नहीं जीती है। इन सीटों पर पार्टी ने जीत की जिम्मेदारी अपने एमएलसी, राज्यसभा सांसदों, बोर्ड और निगम के अध्यक्षों और पार्टी के पदाधिकारियों को सौंपी है।
इन सीटों पर कभी नहीं जीती भाजपा
अंबेडकर नगर की अकबरपुर, आजमगढ़ की निजामाबाद सीट, सीतापुर की सिधौली सीट, रायबरेली की हरचंदपुर सीट, लखनऊ की मोहनलालगंज सीट, रायबरेली की रायबरेली सदर सीट, कानपुर की सीसामऊ सीट, आजमगढ़ की आजमगढ़ सदर सीट, प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट, इटावा की जसवंतनगर सीट, रायबरेली की ऊंचाहार सीट, जौनपुर की मल्हनी सीट, आजमगढ़ की अतरौलिया सीट, आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट आजमगढ़ की गोपालपुर सीट शामिल है। जौनपुर की मल्हनी सीट जो पहले रारी विधानसभा थी वहां भी बीजेपी आज तक कभी नहीं जीती है। इसके अलावा प्रतापगढ़ की कुंडा सीट बीजेपी 1993 के बाद कभी नहीं जीती।
इनको दी जिम्मेदारी
हारी हुई सीटों पर अपनी जीत पक्का करने लिए भजपा ने राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर को आजमगढ़ की निजामाबाद सीट, राज्यसभा सदस्य बृजलाल को कानपुर की सीसामऊ सीट, विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल को रामपुर की चमरव्वा सीट, सभा सदस्य कांता कर्दम को मुरादाबाद देहात, विजयपाल तोमर को बेहट सीट, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री वीरेंद्र तिवारी को अकबरपुर सीट, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सिंह सैनी को कैराना सीट की जिम्मेदारी दी है।
इसी तरह संजीव गोयल को सहारनपुर सदर सीट, सुभाष शर्मा को सहारनपुर सीट, सूर्य प्रकाश पाल को नूरपुर सीट, एमएलसी धर्मवीर प्रजापति को उन्नाव की पुरवा, कैप्टन विकास गुप्ता को धौलाना सीट और सभा सदस्य सुरेश नागर को बिजनौर की नगीना सीट का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
ये सभी प्रभारी अपनी रिपोर्ट 3 सदस्य कमेटी को समय-समय पर उपलब्ध कराते हैं। इस कमेटी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल शामिल हैं।
क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?
- केंद्रीय कैबिनेट ने 8वां वेतन आयोग मंजूर किया, कर्मचारियों की जेब में होगा बड़ा इजाफा | 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को होगा लाभ
- शिक्षकों की लंबित पदोन्नति और CAS प्रक्रिया को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने उच्च शिक्षा मंत्री से की मुलाकात
- मुस्कान एक पहल की जनसेवा | भुसावर में सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए आरामदायक बैंच
- जयपुर में दिल दहला देने वाला हादसा; हाईटेंशन लाइन से टकराई मजदूरों से भरी बस | करंट से सुलगी, बाप-बेटी समेत 3 की मौत, 10 झुलसे
- देशी बैंकों में विदेशी पूंजी का इंजेक्शन, अब बदलेगा बैंकिंग का चेहरा | सरकार 49% तक FDI की इजाज़त देने की तैयारी में, RBI से मंथन जारी
