प्रयागराज
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले हुई भगदड़ को लेकर नया एंगल सामने आया है। खुफिया एजेंसियों ने इसे एक गहरी साजिश का हिस्सा मानते हुए जांच तेज कर दी है। एसटीएफ (STF) और एटीएस (ATS) ने भगदड़ से जुड़े तथ्यों की पड़ताल शुरू कर दी है और इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो व अन्य सामग्री की बारीकी से जांच की जा रही है। कुछ वीडियो में भीड़ में घुसे संदिग्ध युवकों को श्रद्धालुओं को धक्का देते हुए देखा गया है। पुलिस अब इन फुटेज की फॉरेंसिक जांच करा रही है।
साजिश की ओर इशारा करते अहम सुराग
सूत्रों के अनुसार, भगदड़ के दौरान भगवा झंडे लेकर कुछ लोग अचानक भीड़ में घुसे और अफरा-तफरी मच गई। इस घटना के बाद कई संदिग्ध मोबाइल नंबर लगातार बंद मिल रहे हैं, जिससे जांच एजेंसियों को साजिश की संभावना प्रबल लग रही है। अब तक 16 हजार से ज्यादा मोबाइल फोन की जांच की गई है, जिनमें से 100 से अधिक संदिग्ध नंबर सर्विलांस पर हैं।
एसटीएफ चीफ अमिताभ यश खुद महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद हैं और हालात पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, जिसमें एआई (AI) तकनीक की मदद से 120 संदिग्ध चेहरों की पहचान की गई है।

भगदड़ के पीछे खालिस्तानी कनेक्शन!
महाकुंभ से पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक धमकी भरा वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने मेले में गड़बड़ी फैलाने की धमकी दी थी। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में तीन खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पन्नू ने खुलेआम बदला लेने की चेतावनी दी थी। अब जांच एजेंसियां इस पहलू को भी ध्यान में रखकर जांच कर रही हैं।
तीन जगह हुई भगदड़, 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत
मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान महाकुंभ क्षेत्र में तीन अलग-अलग जगह भगदड़ हुई।
- संगम तट – जहां सबसे ज्यादा अफरातफरी मची और 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
- सेक्टर 21 (उल्टा किला, झूंसी) – यहां भी भगदड़ मची, जिससे श्रद्धालु घायल हो गए।
सेक्टर 18 (ओल्ड जीटी रोड) – महामंडलेश्वर की कार के लिए रास्ता बनाने के दौरान भगदड़ हुई, जिसमें सात महिलाओं की मौत हुई।
STF-ATS अलर्ट मोड में, संदिग्धों पर कसा शिकंजा
- संदिग्ध 120 चेहरों की पहचान, कई की तलाश जारी
- 16 हजार मोबाइलों की जांच, 100 नंबर सर्विलांस पर
- इंटरनेट मीडिया पर फैली अफवाहों की पड़ताल शुरू
खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह हादसा सिर्फ एक संयोग नहीं हो सकता। साजिश का पूरा जाल बिछाया गया था, जिसकी गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस और प्रशासन की टीमें अलर्ट मोड में हैं और दोषियों को जल्द ही बेनकाब किया जाएगा।
सनातन पर हमले की साजिश? अखाड़ा परिषद का बयान
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने भगदड़ को सुनियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने कहा,“जब से हम प्रयागराज आए हैं, हमें टारगेट किया जा रहा है। सनातन धर्म विरोधियों की नजर कुंभ पर है। यह भी कहा गया कि जो गंगाजी में स्नान करेगा, वो पापी है। यह भी कहा गया कि गंगाजी का जलपान करने वाला बीमार हो जाएगा। हमें लगता है कि जितने भी वामपंथी हैं, जितने भी सनातन विरोधी हैं, उनकी नजर हमारे कुंभ मेले को लग गई है। कुछ क्लिप ऐसे भी आए हैं जिनमें किसी माताजी ने यह भी कहा कि जब वह संगम नोज पर थीं, कुछ कच्छाधारी पहुंचे। करीब 10-11 की संख्या में वो लोग थे। उन्होंने माताओं-बहनों से धक्का-मुक्की की। इससे हमारी कुछ बहनें नीचे गिरीं। जब नीचे गिरीं, तो पीछे की भीड़ उनके ऊपर आ गई। फिर लोग गिरते गए और लोग ऊपर चढ़ते गए।
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