चंबल और यमुना का जलस्तर बढ़ने से आगरा के 50 से ज्यादा गांव डूबे, मदद के लिए मांगी एनडीआरएफ

आगरा 


मथुरा के गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा


चंबल और यमुना का जलस्तर बढ़ने से आगरा के 50 से ज्यादा गांव डूब गए हैं अब आगरा में इस समय बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। आज चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है और कई गांवों में पानी भर जाने के कारण तहसील से संपर्क टूट गया है। इसके साथ ही मथुरा के गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना भी लबालब हो गई  है। प्रशासन ने दयालबाग क्षेत्र में यमुना के निकट रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया है। यहां पर मुनादी कराई गई है।

पिनाहट में बाढ़ का खतरा
चंबल नदी खतरे के निशान 132.5 मीटर के ऊपर बह रही है। इससे चंबल के तटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए एक दर्जन से अधिक गांवों की बिजली काट दी गई  है। 800 बीघा से ज्यादा फसल जलमग्न होकर खराब हो चुकी है और गांवों में पानी भरने के कारण लोग सुरक्षित स्थान की तरफ पलायन कर रहे हैं। ग्रामीणों का अब तक लाखों का नुकसान हो चुका है। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था भी खराब हो चुकी है।अब पानी बढ़ने पर 40 से अधिक गांव प्रभावित हो सकते हैं। चंबल में बाढ़ की आशंका पर मंगलवार को डीएम ने निरीक्षण किया था।

उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में अभी भी बाढ़ जैसे हालात हैं। सबसे ज्यादा आगरा, कानपुर, वाराणसी, जालौन, ललितपुर, मिर्जापुर और अमरोहा में स्थिति खराब है। आगरा में सुबह चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है। इससे 50 से ज्यादा गांव डूब गए हैं। यमुना का जलस्तर भी बढ़ गया है।

सुबह चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है और कई गांवों में पानी भर जाने के कारण तहसील से संपर्क टूट गया है। इसके साथ ही मथुरा के गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना भी लबालब हो गयी है। प्रशासन ने दयालबाग क्षेत्र में यमुना के निकट रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया है। यहां पर मुनादी कराई गई है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए एक दर्जन से अधिक गांवों की बिजली काट दी गयी है।

800 बीघा से ज्यादा फसल जलमग्न
गांवों में पानी भरने के कारण लोग सुरक्षित स्थान की तरफ पलायन कर रहे हैं। मथुरा के गोकुल बैराज से कल 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। आज और पानी छोड़े जाने की संभावना है। इससे यमुना का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। यमुना के लो फ्लड एरिया में पानी भर गया है। यमुना के सटे दयालबाग क्षेत्र के गांवों को अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने यहां पर मुनादी भी करवाई है।

उटंगन और यमुना में भी बाढ़ के हालात 
बुधवार को सूखी पडी उटंगन नदी पूरे पेटे में बहने लगी है। उटंगन और यमुना नदी का पिढ़ौरा गांव में संगम होता है। उटंगन में राजस्थान से छोडे़ गए पानी के यमुना में पहुंचने से बाह में बाढ़ के हालात बन गए है।
बटेश्वर में रानी घाट डूब गया है। दूसरे घाटों की ओर भी तेजी से पानी बढ़ रहा है। कचौराघाट के प्राचीन मंदिर की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है।
नदी के उफनाने से तटवर्ती गांवों बटेश्वर, कलींजर, बुढै़रा, स्याइच, कोट, सिधावली, फरैरी, होलीपुरा, कलियानपुर, भरतार, विक्रमपुर , विक्रमपुर कछार, चौरंगा बीहड़ , सुंसार, कछपुरा, पारना, नौगवां, गढ़वार, गढ़ी बरौली, चरीथा, कचौराघाट, खिलावली, खिच्चरपुरा, रामपुर चंद्रसैनी, बिठौली, बलाई, रजौरा, रीठई आदि गांवों में लोग घबराए हैं।गांवों की ओर तेजी से बढ़  रहे पानी ने ग्रामीणों की नींद उडा दी है। 35 गांवों के कछार की फसलें पहले से ही डूबी हुई हैं।




 

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