अब घर बैठे नहीं; इंटर्नशिप करने पर मिलेगा बेरोजगारी भत्ता, सरकार ने किया योजना में बदलाव, एक जनवरी से होगी लागू

जयपुर 

राजस्थान सरकार ने बेरोजगारों को भत्ता देने की नीति में बदलाव कर दिया है। अब बेरोजगार युवकों को भत्ता घर बैठे नहीं बल्कि उनको सरकारी दफ्तर में जाकर रोज काम करना होगा। सरकार ने इसे इंटर्नशिप का नाम दिया है और यह इंटर्नशिप तीन महीने की होगी। इंटर्नशिप के लिए बेरोजगार युवकों को सरकारी दफ्तर में रोज चार घंटे काम करना होगा। बेरोजगारों को भत्ता देने की यह नई पॉलिसी अगले साल एक जनवरी से लागू होगी। बढ़ा हुआ भत्ता भी तभी से मिलेगा

श्रम, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग ने इस नई ‘मुख्यमंत्री युवा संबल योजना-202’ के आदेश जारी कर दिए हैं। योजना को 1 जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा। एक जनवरी से अब बेरोजगारों को बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा। नई योजना में पुरुष लाभार्थी को चार हजार रुपए और महिला, ट्रांसजेडर, विशेष योग्यजन को साढ़े चार हजार रुपए भत्ता दिया जाएगा। अभी तीन हजार और साढ़े तीन हजार रुपए दिए जाते हैं। विभाग की ओर से बेरोजगारों को इंटर्नशिप और कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी बेरोजगार युवाओं को घर बैठे ही भत्ता मिलता रहा है। इसके लिए ग्रेजुएट होने, परिवार की सालाना आय 2 लाख से कम होने की शर्त है। अब नई शर्तें जोड़कर इस योजना में बदलाव किया गया है।

साल में तीन महीने ही आवेदन
इस बार पोर्टल पर आवेदन के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। पात्र बेरोजगार 1 अप्रेल से 30 जून तक ही आवेदन कर सकेंगे। यानी साल में तीन महीने ही आवेदन होंगे। आवेदकों की लिमिट भी एक लाख 60 हजार से बढ़ाकर दो लाख कर दी गई है। योजना के आदेश जारी होने के बाद विभाग ने पोर्टल में बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है।  3.27 लाख बेरोजगारों के आवेदन वैरिफाइ हो चुके हैं, इन्हें आगामी सालों में भत्ता देना है।

करनी होगी चार घंटे इंटर्नशिप
नई योजना के तहत पहले पात्र बेरोजगारों को कौशल प्रशिक्षण कराया जाएगा। इसके बाद उन्हें जिले के 21 विभागों में कहीं भी चार घंटे की इंटर्नशिप करनी होगी। विभाग की ओर से हर महीने इंटर्नशिप का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। लाभार्थी को हर महीने इंटर्नशिप सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जिला रोजगार अधिकारी की जांच के बाद भत्ता जारी किया जाएगा। भत्ता मिलने तक इंटर्नशिप जारी रखनी होगी। बंद करने पर भत्ता नहीं मिलेगा।

कौशन प्रशिक्षण की यह होगी प्रक्रिया
कौशल प्रशिक्षण न्यूनतम तीन महीने का होगा। प्रशिक्षण आरएसएलडीसी के माध्यम या उनके मान्यता प्राप्त संस्थान से होगा। यदि किसी आवेदक ने पूर्व में ही डिप्लोमा, डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स किया हुआ है तो उसे प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं होगी। सामान्य वर्ग के बेरोजगारों को 30 साल तक और आरक्षित वर्ग के बेरोजगारों को 35 साल तक की उम्र तक ही बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है। एक परिवार में केवल दो ही बेरोजगारों को भत्ता देने का नियम है। प्राइवेट या सरकारी नौकरी लगते ही भत्ता बंद कर दिया जाता है। किसी भी तरह की गलत जानकारी देने पर मुकदमा दर्ज कराया जाता है।

ऑफिस नहीं जाने पर पैसा कटेगा
बेरोजगार युवाओं को सरकारी छुट्टी के अलावा रोज इंटर्नशिप के लिए ऑफिस जाना अनिवार्य होगा। महीने में केवल एक दिन गैर हाजिर रहने की छूट मिलेगी। बाकी दिन ऑफिस नहीं जाने पर बेरोजगारी भत्ते का पैसा कटेगा।इंटर्नशिप करने वाले बेरोजगारों को हर महीने की 5 तारीख तक एसएसओ आईडी से पोर्टल पर इंटर्नशिप का सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। इसके बाद ही उस महीने का भत्ता मिलेगा। जिला रोजगार कार्यालय अपलोड किए गए सर्टिफिकेट की जांच के बाद ही भुगतान करेगा।

प्रोफेशनल डिग्री वालों को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं
प्रोफेशनल डिग्री वाले बेरोजगार युवाओं को 3 महीने की स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होगी। बीएड, नर्सिंग, एमबीबीएस, बीटेक, एमटेक जैसी प्रोफेशनल डिग्री रखने वाले युवाओं को स्किल डेवलपमेंट कोर्स की बाध्यता नहीं होगी।

इन्हें नहीं मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

  • ग्रेजुएशन के बाद भी रेगुलर पढ़ाई कर रहे युवा
  • मनरेगा या पीएमजीएसवाय में काम करने वाले ग्रेजुएट
  • परिवार की आय सालाना 2 लाख से ज्यादा होने पर
  • केंद्र या राज्य सरकार की स्कॉलरशिप लेने वाले
  • आपराधिक मामले दर्ज वालों को
  • खुद का बिजनेस या प्राइवेट नौकरी करने वालों को
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