भरतपुर
राजस्थान के भरतपुर जिले से एक दिल दहलाने वाली खबर आई है। यहां तीन बच्चियां कार का ऑटोमेटिक लॉक लगने से उसमें बंद हो गई और उनका दम घुट गया। उनको फ़ौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई। ये बच्चियां अपनी-अपनी मांओं के साथ सत्संग में शामिल होने आई थीं। उनकी चीख-पुकार वहां चल रहे सत्संग की वजह से कोई भी नहीं सुन पाया।
घटना भरतपुर के कांदौली गांव की है। जब मांएं सत्संग सुनने गईं तो ये तीनों बच्चियां खेलते-खेलते एक घर में खड़ी कार में चली गईं। अचानक उस कार का दरवाजा बंद हो गया। इससे तीनों बच्चियों का दम घुटने लगा। ऑटोमेटिक लॉक की वजह से वे बाहर नहीं निकल पाईं। उनकी चीख-पुकार वहां चल रहे सत्संग की वजह से कोई भी नहीं सुन पाया। जब उनकी मांओं ने उन्हें ढूंढना शुरू किया, तब जाकर बेसुध बच्चियां मिलीं। उन्हें फौरन पास के अस्पताल ले जाया गया लेकिन डाॅक्टर ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
इन तीन बच्चियों में 6 साल की हिना पुत्री रामबाबू, साढ़े 5 साल की वैष्णवी पुत्री लक्ष्मण और 5 साल की पीहू पुत्री कैलाश है। उधर सत्संग की आवाज के कारण बच्चियों की चीखने-चिल्लाने की आवाज को कोई नहीं सुन पाया। घटना के बाद परिजनों ने तीनों ही बालिकाओं का अंतिम संस्कार कर दिया।
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